एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार अनुभवी हैं, महाराष्ट्र जैसे राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं, केंद्र में मंत्री रहे हैं, हर पार्टी में उनके शुभचिंतक हैं, बहुत चतुर राजनेता हैं लेकिन उनकी असली ताकत क्या है? पवार की असली ताकत कॉरपोरेट के साथ संपर्क हैं। वे देश के संभवतः इकलौते बड़े राजनेता हैं, जो खुलेआम गौतम अडानी से मिलते हैं। नरेंद्र मोदी की भी अडानी के साथ हवाई सफर करते हुए तस्वीर थी, जिसे राहुल गांधी ने संसद में दिखाया था लेकिन वह पुरानी बात हो गई। पिछले छह महीने से कम समय में गौतम अडानी दो बार शरद पवार से उनके घर पर मिलने गए। यह पवार की ताकत है कि मुकेश अंबानी से लेकर रतन टाटा और गौतम अडानी तक उनके घर जाते हैं। देश के कॉरपोरेट की बड़ी इच्छा रही है कि शरद पवार देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन अब लगता है कि उनका मोहभंग हो रहा है।
जिस समय शरद पवार विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की मुंबई में होने वाली बैठक के लिए प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे उसी समय देश के जाने-माने कॉरपोरेट लीडर डॉक्टर साइरस पूनावाला ने उनके अभियान को पंक्चर कर दिया। पूनावाला ने कहा कि पवार को अब रिटायर हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो बार मौका था, जब पवार प्रधानमंत्री बन सकते थे और प्रधानमंत्री बनने पर वे देश के लिए अच्छा काम करते लेकिन अब उनकी उम्र हो गई है और सेहत साथ नहीं दे रही है इसलिए उनको संन्यास ले लेना चाहिए। वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक 82 साल के डॉ. पूनावाला ने अपनी भी मिसाल दी और कहा कि मेरी तरह ही पवार भी उम्रदराज हो गए। बिल्कुल यही बात अजित पवार ने भाजपा के साथ जाने के बाद पवार के लिए कही थी। हालांकि तब पवार की पार्टी ने इसका बड़ा विरोध किया था। अब सवाल है कि क्या किसी योजना के तहत पवार को उम्र और सेहत का हवाला देकर रिटायर होने के लिए मजबूर किया जा रहा है? क्या इस खेल में नेता और कॉरपोरेट दोनों शामिल हैं? जो हो पवार कम से कम अगले लोकसभा चुनाव तक रिटायर नहीं होने जा रहे हैं। पर इतना जरूर है कि पूनावाला ने उनकी महत्वाकांक्षाओं के गुब्बारे में पिन चुभो दिया है।