Smriti Irani: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पिछले साल लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूरी तरह से शांत और राजनीति से लगभग दूर थीं।
लेकिन अब वे सक्रिय हुई हैं। उन्होंने दिल्ली चुनाव को लेकर कई बयान दिए हैं। इस बीच उनके पुनर्वास की शुरुआत भी हो गई है।
उनको प्रधानमंत्री मेमोरियल लाइब्रेरी यानी पीएमएमएल की कार्यकारी परिषद का सदस्य बनाया गया है। सरकार ने पांच साल के लिए इस कौंसिल का पुनर्गठन किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा फिर से कौंसिल के प्रमुख बनाए गए हैं।
इसमें स्मृति ईरानी को शामिल करके यह मैसेज दिया गया है कि वे 2024 में अमेठी में कांग्रेस के किशोरीलाल शर्मा के हाथों मिली हार से उबर गईं हैं और सक्रिय राजनीति में उतरने के लिए तैयार हैं।
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तभी इस बात की भी चर्चा शुरू हुई है कि वे विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। दिल्ली की ग्रेटर कैलाश सीट पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ उनके चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है।
हालांकि भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि वे खुद इसे लेकर दुविधा में हैं। विधानसभा का चुनाव हार जाने की स्थिति में आगे का रास्ता और मुश्किल हो जाएगा।
पहले कहा जा रहा था कि भाजपा उनको दिल्ली में सीएम का चेहरा बना सकती है। लेकिन वह नहीं बनाए जाने पर उनको विधानसभा का चुनाव लड़ाना जोखिम का काम लग रहा है।
कहा जा रहा है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की टीम में उनको अहम जिम्मेदारी मिल सकती है और राज्यसभा में जाने का रास्ता भी खुला रहेगा।
राज्यसभा सांसद के तौर पर ही उन्होंने शुरुआत की थी और बाद में लोकसभा सांसद बनी थीं। वे गुजरात से राज्यसभा सांसद रही हैं।(Smriti Irani)