तमिलनाडु से बिहार तक और दिल्ली, हरियाणा से पश्चिम बंगाल और झारखंड तक इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि एमके स्टालिन की सरकार के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद किसकी बारी है? इस कयास को बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने और बढ़ा दिया। सेंथिल बालाजी को जब ईडी ने गिरफ्तार किया उसके थोड़ी देर बाद तेजस्वी यादव विस्तार से एक बयान में आशंका जताई कि इसके बाद उनको गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में आरोपपत्र में उनका नाम नहीं है लेकिन पूरक आरोपपत्र लाकर उनका नाम उसमें शामिल किया जा सकता है और उसके गिरफ्तार किया जा सकता है। गौरतलब है कि जमीन के बदले नौकरी के मामले में सीबीआई और ईडी दोनों कई बार लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर चुके हैं।
बहरहाल, तेजस्वी के गिरफ्तारी की आशंका जताने के बाद कई नेता दबी जुबान में या अनौपचारिक बातचीत में गिरफ्तारी की आशंका जता रहे हैं। जिस अंदाज में विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों के मंत्रियों को पकड़ा जा रहा है, उसे सब आशंकित हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया अभी जेल में हैं और सत्येंद्र जैन अभी स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर छूटे हैं। शराब नीति के घोटाले में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर तलवार लटकी है तो उसी मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता पर भी तलवार लटकी है। इसके अलावा अभी पिछले दिनों आयकर विभाग ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति के दो विधायकों- पी शेखर रेड्डी और एम जनार्दन रेड्डी और सांसद एम प्रभाकर रेड्डी के यहां छापा मारा है।
सबसे ज्यादा आशंका पश्चिम बंगाल में है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के ऊपर सीबीआई और ईडी का शिकंजा कस रहा है। एक तरफ शिक्षक भर्ती घोटाले में उनसे पूछताछ हो रही है और हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है तो दूसरी ओर उनकी पत्नी रूजिरा बनर्जी से कोयला तस्करी से जुड़े मामले में पूछताछ हो रही है। शिक्षक भर्ती घोटाले में राज्य सरकार के मंत्री रहे पार्थो चटर्जी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। मवेशी तस्करी के मामले में एक दूसरे बड़े नेता अनुब्रत मंडल को भी केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है।
झारखंड और छत्तीसगढ़ में अभी तक अधिकारियों पर ही कार्रवाई हुई है। छत्तीसगढ़ में एक आईएएस अधिकारी और झारखंड में दो आईएएस अधिकारी जेल में हैं। अब माना जा रहा है कि चुनाव से पहले नेताओं की बारी आ सकती है। हेमंत सोरेन सरकार के एक कांग्रेसी मंत्री के ऊपर तलवार लटकी है तो खुद मुख्यमंत्री का पूरा परिवार आशंका में है। मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले कारोबारी अमित अग्रवाल को दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है। सीएम के मीडिया सलाहकार से भी कई बार पूछताछ हो चुकी है। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता अलग आशंकित हैं। राजस्थान में तो केंद्रीय एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर ही दी है।