Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

तेलंगाना की तीसरी लड़ाई घमासान होगी

तेलंगाना में तीसरी बार विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। आंध्र प्रदेश से अग होने के बाद राज्य में दो चुनाव हुए हैं और दोनों चुनाव एकतरफा रहे हैं। दोनों भारत तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसका नाम अब भारत राष्ट्र समिति हो गया है उसने एकतरफा जीत हासिल की। के चंद्रशेखर राव पहला चुनाव नया राज्य बनने की लहर में जीते तो दूसरा चुनाव उन्होंने सबको सरप्राइज देकर जीता। उन्होंने समय से पहले विधानसभा भंग कर दी और चुनाव करा लिया, जिसके लिए कांग्रेस या भाजपा कोई भी तैयार नहीं था। फिर भी कह सकते हैं कि तेलंगाना के लोगों ने एक तरह से के चंद्रशेखर राव को संघर्ष को सम्मान दिया और यह माना कि उनके प्रयास से अलग तेलंगाना राज्य बना है। राज्य में तीसरा चुनाव इस साल नवंबर-दिसंबर में होगा।

पहली बार ऐसा है कि कांग्रेस पूरी ताकत लगा कर राज्य का चुनाव लड़ती दिख रही है और यह क्लेम कर रही है कि उसकी वजह से तेलंगाना राज्य बना है। यह सही भी है कि कांग्रेस की केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य की मंजूरी दी थी और इसका बड़ा खामियाजा उसको आंध्र में भुगतना पड़ा है। केंद्र में 2004 और 2009 में कांग्रेस की सरकार आंध्र प्रदेश की  वजह से बनी और नया राज्य बनने के बाद दो चुनावों से कांग्रेस वहां एक भी सीट नहीं जीत पा रही है। इस बात को कांग्रेस तेलंगाना में भुनाएगी। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने तेलंगाना के नेताओं के साथ बैठक की है और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया है। राहुल वहां के प्रचार में उतरने वाले हैं और कर्नाटक कांग्रेस के नेता भी अपने को वहां झोंकेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएसआर शर्मिला की पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के साथ कांग्रेस का तालमेल भी होगा। दूसरी ओर बीआरएस और भाजपा भी पूरी ताकत लगा कर लड़ेंगे और हैदराबाद में ओवैसी की पार्टी भी लड़ेगी। कांग्रेस इस बार ओवैसी को भी नुकसान पहुंचाने की संभावना देख रही है।

Exit mobile version