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तेलंगाना में बाहरी नेताओं का भाजपा पर दबाव

तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसका नाम अब भारत राष्ट्र समिति हो गया है उसके पूर्व नेता एटेला राजेंदर का भाजपा आलाकमान पर बड़ा दबाव है। राजेंदर चाहते हैं कि भाजपा उनको मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना कर विधानसभा चुनाव लड़े। ध्यान रहे उनको भाजपा में आए अभी दो साल के करीब हुए हैं। उससे पहले वे के चंद्रशेखर राव की पार्टी में नंबर दो थे। वे महत्वपूर्ण मंत्री भी थे और पार्टी में भी उनका दर्जा काफी अहम था। उसके बाद वे पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए तो उनके इस्तीफे से खाली हुई हूजुराबाद सीट पर उपचुनाव हुआ। इस सीट पर मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और उनके परिवार के सदस्यों सहित पूरी पार्टी ने बड़ा जोर लगाया फिर भी एटेला राजेंदर जीत गए। इससे उनका कद तेलंगाना की राजनीति में बढ़ा।

अब वे चाहते हैं कि भाजपा में भी उनका कद बढ़े और पार्टी उनको सीएम दावेदार घोषित करे। भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि इतनी जल्दी वह किसी बाहर से आए नेता को सीएम दावेदार नहीं बना सकती है। राजेंदर के करीबी हिंमत बिस्वा सरमा की मिसाल दे रहे हैं पर उनको भी मुख्यमंत्री बनने में छह साल से ज्यादा समय लगा था। असल में राजेंदर प्रदेश भाजपा की खींचतान का फायदा उठाना चाहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को लेकर पार्टी नेताओं में नाराजगी है। तभी पिछले दिनों राजेंदर ने दिल्ली आकर अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और कहा था कि पार्टी की चुनाव तैयारियां अच्छी नहीं हैं। उन्होंने अपने लिए बड़ी भूमिका की भी मांग की थी। इस बारे में फैसले का इंतजार हो रहा है।

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