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नायडू, नीतीश, जयंत और चिराग का साहस

जिहाद

देश में चल रहे हिंदू, मुस्लिम, औरंगजेब की कब्र, वक्फ बोर्ड बिल के विवाद और ईद के मौके पर सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने देने की भाजपा नेताओं और राज्य सरकारों की जिद के बीच भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने बड़ा साहस दिखाया है। इससे पहले भाजपा की सहयोगी पार्टियों को ऐसे साहस दिखाते हुए नहीं देखा गया था। माना जा रहा है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के 240 सीटों पर सिमटने और सहयोगी दलों की मदद से केंद्र में सरकार बनने के बाद से भाजपा की सहयोगी पार्टियों की हिम्मत बढ़ी है।

तभी सांप्रदायिक  विभाजन के इतने व्यापक नैरेटिव के बीच चार सहयोगी नेता तेवर दिखा रहे हैं या अपने एजेंडे पर राजनीति कर रहे हैं, जिसमें मुस्लिमों को तरजीह मिल रही है या उनके हितों की रक्षा का संकल्प जाहिर किया जा रहा है। इन चार नेताओं की पार्टियों के लोकसभा में 35 सांसद हैं, जबकि सरकार का बहुमत 293 का है। इन 35 सांसदों को हटा दिया जाए तो सरकार बहुमत के 272 के आंकड़े से नौ सीटे नीचे चली जाएगी।

इन चार नेताओं में से सबसे प्रमुख नाम आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का है। उनकी पार्टी के 16 लोकसभा सांसद हैं और भाजपा के बाद एनडीए में वे सबसे बड़े घटक दल हैं। सरकार का समर्थन करने के बाद अभी तक करीब एक साल में आंध्र प्रदेश को दो लाख करोड़ रुपए के पैकेज मिल चुके हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की है। नायडू की राज्य सरकार के सहयोगी पवन कल्याण जरूर सांप्रदायिकता की कुछ बातें करते हैं लेकिन नायडू उससे दूरी रखते हैं। पिछले दिनों वे इफ्तार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कहा कि वे पिछले 40 साल से इफ्तार में हिस्सा लेते रहे हैं।

ईद पर नमाज और वक्फ बोर्ड बिल पर भाजपा और विपक्ष के बीच तकरार

उन्होंने बताया कि चुनावी वादे के मुताबिक उन्होंने इमामों का मानदेय बढ़ा कर 10 हजार और मुअज्जिनों का मानदेय बढ़ा कर पांच हजार रुपए कर दिया है। नायडू ने कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए 5,434 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है, जो पिछले बजट के मुकाबले 13 सौ करोड़ रुपए ज्यादा है। उनकी पार्टी ने दुआ पढ़ते हुए उनकी फोटो भी जारी की। इसी तरह नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू ने वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सवाल उठाया है। जनता दल यू के नेताओं ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है कि वह वक्फ बिल को अभी पेश नहीं करे, इसे विधानसभा चुनाव तक टाला जाए।

भाजपा के दो युवा सहयोगियों जयंत चौधरी और चिराग पासवान ने ईद के दिन सड़क पर नमाज पढ़ने के विवाद में दखल दिया। दो सांसदों वाली पार्टी रालोद के नेता जयंत चौधरी ने पुलिस की ओर से दिए गए आदेश को ‘ऑरवेलियन’ आदेश बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की। गौरतलब है कि यूपी में कई जिलों में पुलिस ने आदेश जारी किया है कि ईद के दिन सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। ऐसा राज्य सरकार के आदेश के बाद कहा गया।

इसी तरह बिहार में भाजपा नेता और राज्य सरकार के एक मंत्री ने ईद के दिन सड़क पर नमाज पढ़ने से रोकने की मांग की तो पांच सांसद वाली लोजपा के नेता चिराग पासवान ने इसका विरोध किया और कहा कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने या अन्य समुदायों के धार्मिक कार्यक्रमों को रोकने वाले काम नहीं किए जाने चाहिए। ध्यान रहे इन चारों पार्टियों का भाजपा से अलग राजनीति करने का भी इतिहास रहा है।

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Pic Credit: ANI

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