भारतीय जनता पार्टी अभी घुसपैठ के मुद्दे पर चुनाव लड़ कर झारखंड में बुरी तरह हारी है। लेकिन यह मुद्दा उसको इतना प्रिय है कि अगले साल जिन दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहां भी उसने घुसपैठ को बड़ा मुद्दा बना दिया है। अगले साल के शुरू में दिल्ली में और साल के अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। दोनों राज्यों में भाजपा ने घुसपैठ के मुद्दे पर प्रचार शुरू कर दिया है। दिल्ली में तो दिल्ली पुलिस ने घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निकालने के अभियान में जुट गई है। पहले चरण में शाहीन बाग से लेकर जामिया के इलाके में और पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में यह अभियान चला है। पुलिस कागज देख रही है और संदिग्धों की पहचान कर रही है।
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दिल्ली पुलिस ने कहा है कि संदिग्धों की पहचान करके और उनके कागजात जांच कर उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा। हालांकि यह तय है कि भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर कांग्रेस व एमआईएम के लड़ने से मुस्लिम वोट बंटने की जरा भी संभावना है तो वह दिल्ली पुलिस के इस अभियान से खत्म हो जाएगी। इसी तरह बिहार में भी भाजपा ने घुसपैठ को बड़ा मुद्दा बनाया है। उसके नेता घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निकालने की बात कर रहे हैं। जबकि वहां नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ते समय इस तरह के मुद्दे की जरुरत नहीं होती है। फिर भी अगर भाजपा वहां यह मुद्दा चलाए रखती है तो जैसे झारखंड में नुकसान हुआ वैसा ही नुकसान बिहार में भी हो सकता है।