Andhra Pradesh: यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद कही है इसलिए इस पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।
आंध्र प्रदेश के दौरे पर गए शाह ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी में कहा कि केंद्र में सरकार बनने के बाद छह महीने में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को तीन लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया।
इसमें से एक लाख 85 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले दौरे में ही की। इसमें हाइड्रोजन पावर प्लांट की एक बड़ी योजना भी शामिल है।
सवाल है कि आंध्र प्रदेश और बिहार की एक जैसी स्थिति है। दोनों के प्रादेशिक क्षत्रपों के समर्थन से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनी है तो सारी मेहरबानी सिर्फ आंध्र प्रदेश पर क्यों है?
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गौरतलब है कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के 16 सांसद हैं और बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के 12 सांसद हैं। मुख्य रूप से केंद्र सरकार इन्हीं दोनों के समर्थन पर टिकी है।
ऊपर से बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसके बावजूद बिहार के लिए किसी खास पैकेज की घोषणा नहीं हो रही है। बजट में जो थोड़ा बहुत मिला वह मिला।
हो सकता है कि चुनाव नजदीक आने के बाद इसकी घोषणाएं तेज हों। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि बिहार जदयू के नेताओं ने केंद्र सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है।
नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से जिन लोगों को भाजपा से मोलभाव करना है वे भाजपा के साथ ही जुड़ गए हैं। इसलिए भाजपा भी कुछ देना जरूरी नहीं समझ रही है।
चुनाव के समय जरूर कुछ घोषणाएं हो जाएंगी लेकिन वह भी चुनाव जीतने के मकसद से होगा। ऐसा नहीं है कि जनता दल की ओर से दिए जा रहे समर्थन की वजह से बिहार को कुछ मिल रहा है।