राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

रेलवे की स्थिति कैसे सुधरेगी?

Image Source: UNI

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जब से ट्रेनों के पटरी से उतरने को छोटी घटना कहा है, तब से देश के अलग अलग हिस्सों से लगभग रोज ही ऐसी छोटी घटनाओं की खबर आ रही है। लेकिन जैसे ही खबर आती है वैसे ही भाजपा का इकोसिस्टम उसे आतंकवादियों के स्लीपर सेल की साजिश बताना शुरू कर देता है। सोशल मीडिया में दोनों पक्षों के बीच यह खेल चल रहा है। लेकिन पिछले महीने नियंत्रक व महालेखा परीक्षक यानी सीएजी की एक रिपोर्ट रेलवे को लेकर आई है। इसमें कहा गया है कि कर्ज के ब्याज से लेकर रेलवे के भूखंड को विकसित करने में हुए कुप्रबंधन की वजह से रेलवे को 26 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

सीएजी की यह रिपोर्ट वित्त वर्ष 2021-22 की है। कहा जा रहा है कि बाद में हुए सीएजी के ऑडिट में यह गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई थी। बहरहाल, अंत में गड़बड़ी पकड़ी गई और पता चला कि कुप्रंबधन के चलते 26 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। लेकिन क्या इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहरा कर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी? ऐसी रिपोर्ट आम आदमी को भी कंफ्यूजन में डालने वाली है, जिसको लग रहा है कि सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट के दाम कई गुना बढ़ा दिया। रेलवे किराया बढ़ गया। कमाई बढ़ाने के लिए स्लीपर की जगह एसी कोचेज की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। बुजुर्गों से लेकर पत्रकारों तक की सब्सिडी बंद कर दी गई और ट्रेनों से लेकर रेलवे स्टेशनों तक को मोनेटाइज किया जा रहा है फिर भी रेलवे को घाटा लग जा रहा है! बहरहाल, नुकसान भले रेलवे के कुप्रंबधन के चलते हुआ हो लेकिन भरपाई तो रेल यात्रियों को ही करनी होगी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *