दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के पास सचमुच ऐसे नेताओं की कमी हो गई है, जो उसकी विचारधारा वाले हों और मीडिया के सामने मजबूती से उसका पक्ष रखें। तभी वह लगातार दूसरी पार्टियों के नेताओं को लाकर अपनी पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना रही है। भाजपा की पहली पसंद तो वैसे कांग्रेस के नेता हैं, जिनको वह प्रवक्ता बनाती है लेकिन गैर कांग्रेस पार्टियों के नेताओं को अपनी पार्टी में लेकर उनको राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाने में भाजपा को हिचक नहीं होती है। पार्टी ने सोमवार को दो नए प्रवक्ता बनाए हैं, जिनमें से एक जदयू के हैं और दूसरे कांग्रेस के हैं। पिछले दिनों जदयू छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए बिहार के नेता अजय आलोक को पार्टी ने प्रवक्ता बनाया है। कांग्रेस की टिकट पर दिल्ली में चुनाव लड़ चुके और किसी समय अजय माकन के बेहद करीबी रहे पूर्व पत्रकार प्रत्यूष कंठ को भी भाजपा ने अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है।
अजय आलोक और प्रत्यूष कंठ लेटेस्ट एंट्री हैं। इनसे पहले भी टेलीविजन पर दिखने वाले भाजपा के ज्यादातर प्रवक्ता दूसरी पार्टियों से ही आए हैं। अपवाद के लिए दो चार प्रवक्ता ऐसे हैं, जो भाजपा के अपने हैं। भाजपा की ओर से सबसे मुखर प्रवक्त गौरव भाटिया हैं, जो समाजवादी पार्टी से आए हैं। कांग्रेस के दो पुराने प्रवक्ताओं- टॉम वडक्कम और जयवीर शेरगिल को भी भाजपा ने प्रवक्ता बनाया है। कांग्रेस के एक अन्य नेता शहजाद पूनावाला हैं, जो अब शहजाद जयहिंद लिखते हैं उनको भी भाजपा ने प्रवक्ता बनाया है। शिव सेना में रहे प्रेम शुक्ला भी अब भाजपा के प्रवक्ता हैं। शाजिया इल्मी भी भाजपा की प्रवक्ता हैं, जो आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुई हैं।