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कुशवाहा को आजमा रहे हैं भाजपा और नीतीश

बिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा की एक सीट मिली है। वे अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के तहत राज्यसभा में जा रहे हैं। उनके नाम की घोषणा लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद कर दी गई थी। भाजपा नेतृत्व और नीतीश कुमार दोनों को पता है कि एक साजिश के तहत उनको काराकाट लोकसभा सीट पर हराया गया। तभी उनके नाम की तुरंत घोषणा हुई थी। तब कहा गया था कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती के लोकसभा सांसद बन जाने से खाली हुई सीट उनको मिलेगी। इसका कार्यकाल चार साल का है। लेकिन नामांकन से ऐन पहले उनकी सीट बदल दी गई। उनको भाजपा के विवेक ठाकुर के लोकसभा सांसद बनने से खाली हुई सीट से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया, जिसका कार्यकाल दो साल का है।

सवाल है कि नामांकन से एक दिन पहले ऐसा फैसला कैसे हुआ? माना जा रहा है कि भाजपा और नीतीश कुमार दोनों उनको आजमा रहे हैं। उनको दो तरह से आजमाया जा रहा है। ध्यान रहे नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा भेजा था तो उन्होंने बीच में ही राज्यसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह 2014 में वे भाजपा के साथ मिल कर लड़े और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री बने लेकिन 2019 के चुनाव में वे भाजपा से अलग हो गए और राजद के साथ लड़े। तभी दोनों पार्टियां दो साल का कार्यकाल देकर देख रही हैं कि आगे वे क्या करते हैं। दूसरे, दो साल वाली सीट इसलिए भी मिली है क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव है, जिसमें भाजपा और जदयू दोनों यह देखेंगे कि उनके साथ कैसे तालमेल होता है और चुनाव में उनकी पार्टी का क्या प्रदर्शन होता है। अगर तालमेल ठीक ढंग से हो जाता है, सीटों पर विवाद नहीं होता है और पार्टी का प्रदर्शन अच्छा होता है तो उनको 2026 में छह साल के पूर्ण कार्यकाल वाली सीट मिल जाएगी।

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