Vijay Sai Reddy: आंध्र प्रदेश कमाल का प्रदेश है। कोई छह साल पहले मई 2019 में चंद्रबाबू नायडू चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हुए और जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनी तो उसके कुछ दिन बाद ही नायडू के राज्यसभा सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया और सब भाजपा के साथ चले गए। जून 2024 में वहां सत्ता बदल गई।
जगन मोहन बाहर हो गए और नायडू की सरकार बन गई, जिसमें भाजपा औपचारिक रूप से शामिल हो गए तो समय का चक्र उलटा घूमने लगा।(Vijay Sai Reddy)
अब जगन के राज्यसभा सांसद उनका साथ छोड़ कर भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी की ओर जाने लगे हैं। दो राज्यसभा सांसद जगन का साथ छोड़ चुके थे और तीसरे सांसद हैं विजय साई रेड्डी जिन्होंने राजनीति से ही संन्यास का ऐलान कर दिया है।
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असल में पिछले ही हफ्ते केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उनको धन शोधन से जुड़े एक मामले में समन किया और एक हफ्ते के अंदर ही खबर आ गई कि वे राज्यसभा की सीट से इस्तीफा दे रहे हैं और राजनीति से संन्यास लेने जा रहे हैं।(Vijay Sai Reddy)
वे राज्यसभा में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के नेता थे। उनके भाजपा में जाने की चर्चा थी लेकिन कहा जा रहा है कि वे किसी पार्टी में नहीं जा रहे हैं।
वे राजनीति छोड़ कर खेती करने जा रहे हैं। जगन की पार्टी की ओर से कहा गया है कि वे वाईएसआर रेड्डी के परिवार की तरह हैं इसलिए वे किसी और पार्टी में नहीं जाएंगे।(Vijay Sai Reddy)
अच्छी बात है कि वे किसी पार्टी में नहीं जाएंगे लेकिन उनके इस्तीफे से चंद्रबाबू नायडू को राज्यसभा की एक सीट का फायदा हो जाएगा।
पिछले दिनों उपचुनाव में उन्होंने एक सीट भाजपा को दे दी थी। ऐसा लग रहा है कि उसकी भरपाई इस सीट से की जाएगी।(Vijay Sai Reddy)