वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने शनिवार को बेंगलुरू में और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को आईआईटी मद्रास के एक कार्यक्रम मे चेन्नई में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बहुत विस्तार से जानकारी दी। दोनों ने लड़ाई के कई तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया। एयर चीफ मार्शल ने पाकिस्तान को हुए नुकसान का ब्योरा दिया। लेकिन किसी ने भारत को हुए नुकसान के बारे में कुछ भी नहीं कहा। एय़र चीफ मार्शल ने तो यहां तक कहा कि पाकिस्तान का कोई भी विमान भारत के मिसाइल सिस्टम या विमानों के आसपास भी नहीं पहुंच पाया।
सवाल है कि जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में अमेरिकी एजेंसी रायटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि नुकसान कितना हुआ यह अहम नहीं है, बल्कि यह जानना जरूरी है नुकसान क्यों हुआ। उन्होंने माना कि नुकसान हुआ। बाद में जकार्ता में भारत के डिफेंस अताशे कैप्टेन शिवकुमार ने भी कहा कि नुकसान राजनीतिक नेतृत्व के फैसले की वजह से हुआ। संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में कहा कि परीक्षा में रिजल्ट अच्छा आए तो यह नहीं देखा जाता है कि पेंसिल टूट गई। यानी सरकार ने भी माना कि पेंसिल टूटी है। फिर कितनी पेंसिल टूटी, कौन सी पेंसिल टूटी, कैसे टूटी, इसके बारे में तो निश्चित रूप से बताया जाना चाहिए। युद्ध में दोनों तरफ का नुकसान होता है यह बहुत स्वाभाविक है। जनता इसको बहुत सहज रूप से लेगी। लेकिन पता नहीं क्यों कोई खुल कर वास्तविकता नहीं बता रहा है।