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मोदी-थरूर के साथ होने का क्या मैसेज हुआ?

ऑपरेशन सिंदूर

केरल के विझिंजम पोर्ट के उद्घाटन के मौके पर एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर एक मंच पर थे। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन भी मंच पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तस्वीर बहुत लोगों की नींद उड़ा देगी। हिंदी से मलयालम में अनुवाद कर रहे व्यक्ति ने उसका अनुवाद ठीक से नहीं किया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई बात नहीं, मैसेज जिसको जाना था वह चला गया। अब सवाल है कि प्रधानमंत्री का इशारा किसकी ओर था? किसको मैसेज जाना था, जो चला गया और असली सवाल यह कि क्या मैसेज था? प्रधानमंत्री की बात पर शशि थरूर मुस्कुराते रहे।

गौरतलब है कि थरूर पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात थी और बताया जा रहा है कि एक सर्वे के आधार पर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह प्रस्ताव रखा कि उनको मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना कर चुनाव लड़ा जाए। लेकिन कांग्रेस को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है। उसके बाद से थरूर भाजपा के कई नेताओं और कई केंद्ररी मंत्रियों की संगत में दिखे हैं। हालांकि वे हर बार कहते हैं कि वे कांग्रेस छोड़ कर कहीं नहीं जा रहे हैं। लेकिन कुछ तो बात अंदरखाने चल रही है। उधर भाजपा में भी पार्टी ने राजीव चंद्रशेखर को प्रदेश अध्यक्ष बना कर थरूर के लिए कोई बड़ी संभावना नहीं होने का संकेत दिया है। बहरहाल, प्रधानमंत्री की बात से यह तो स्पष्ट हो गया कि वे सोनिया व राहुल गांधी तक मैसेज पहुंचने की बात कह रहे थे। लेकिन मैसेज क्या है? क्या मोदी ने यह संकेत दिया कि थरूर भाजपा के साथ जा रहे हैं? अगर वे भाजपा के साथ गए तो भले राज्य की राजनीति में जगह न हो लेकिन वे केंद्र में मंत्री बन सकते हैं।

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