महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से सरकार गठन का मामला बहुत दिलचस्प रहा है। पहले मुख्यमंत्री तय करने में 12 दिन लगे और उसके बाद सात दिन से बाकी मंत्रियों की शपथ और विभागों के बंटवारे का विवाद चल रहा है। सोचें, महाराष्ट्र में झारखंड के साथ साथ 23 नवंबर को नतीजे आए थे। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को बेमिसाल बहुमत मिला। भाजपा अकेले 132 सीटें हासिल करके बहुमत के नजदीक पहुंच गई। फिर भी उसे नेता तय करने में 12 दिन का समय लगा।
आखिरकार पांच दिसंबर को देवेंद्र फड़नवीस की शपथ हुई। उनके साथ भी सिर्फ दो लोगों ने शपथ ली। एकनाथ शिंदे और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों के साथ साथ देश के 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में शपथ हुई।
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उसके बाद सात दिन बीत चुके हैं और अभी तक तय नहीं हुआ है कि बाकी मंत्रियों की शपथ कब होगी और विभागों का बंटवारा कब व कैसे होगा? एकनाथ शिंदे पहले गृह मंत्रालय के लिए अड़े रहे थे। कहा जा रहा है कि वे इस बात पर राजी हो गए हैं कि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास ही रहे। लेकिन बाकी मंत्रालयों का मामला अब भी अटका हुआ है। किस पार्टी को कितने मंत्री पद मिलेंगे, इसका भी फॉर्मूला तय हो जाने की बात कही जा रही थी। फिर भी मंत्रियों की शपथ का समय तय नहीं हो रहा है।
अब खबर है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस शुक्रवार, 13 दिसंबर को दिल्ली का दौरा करेंगे और केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल गठन के फॉर्मूले पर विचार करेंगे। उसके बाद 14 दिसंबर को विभागों का बंटवारा हो सकता है। दोनों उप मुख्यमंत्रियों के खाते में जो विभाग जाएंगे, वही विभाग आगे उनके मंत्रियों में बंटेंगे। यानी उसके लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। 15 दिसंबर से मलमास शुरू होना है। सो, देखना है कि विस्तार उससे पहले होता है या इंतजार 14 जनवरी तक जाता है।