आम आदमी पार्टी के नेताओं को खास कर सर्वोच्च नेता यानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विपक्षी नेताओं से मिलते हुए बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण यह है कि देश का कोई भी नेता ऐसा नहीं है, जिस पर उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया है या कोई अनाप-शनाप ट्विट नहीं किया है। आते ही देश की राजनीति पर छा जाने की अपनी सोच और अति महत्वाकांक्षा में उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के साथ साथ तमाम प्रादेशिक पार्टियों को भी निशाना बनाया। भ्रष्ट नेताओं की एक सूची जारी की, जिसमें देश के 28 बड़े नेताओं के नाम थे।
जैसे जैसे उनको राजनीतिक असलियत का ज्ञान हुआ और अपनी हैसियत का अंदाजा हुआ उन्होंने यू टर्न ले लिया। अब वे भाग भाग कर देश के नेताओं से मिल रहे हैं। अपने बयानों और आरोपों के लिए वे देश के कई नेताओं से लिखित और मौखिक माफी मांग चुके हैं। अब उनकी पार्टी के नेता पुराने ट्विट डिलीट करने में लगे हैं। क्योंकि केजरीवाल को जिस विपक्षी नेता से मिलने जाना होता है उसके बारे में किए गए उनके पुराने ट्विट तुरंत सोशल मीडिया में घूमने लगते हैं। आप नेताओं की मुश्किल यह है कि जितने भी ट्रोल्स हैं उन्होंने केजरीवाल के ट्विटर हैंडल की टाइमलाइन से उनके पुराने ट्विट उठा कर उनकी स्क्रीनशॉट सेव करके रखी है। हर पार्टी की आईटी सेल ने भी इन्हें संभाल कर रखा है। इसलिए टाइमलाइन डिलीट करने के बावजूद पुराने ट्विट सामने आ रहे हैं।