up government cm yogi उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी कानून-व्यवस्था और धर्मस्थलों के विकास का मुद्द बनाने जा रही है। माना जा रहा है कि चुनाव तक यानी अगले साल मार्च तक वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो जाएगा। उसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया जाएगा। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश गए तो उन्होंने मां विंध्यवासिनी मंदिर के कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस परियोजना के तहत मंदिर को बहुत भव्य बनाने की योजना है। मंदिर की सीढ़ियों से ही लोग गंगा के दर्शन कर सकेंगे। अपने इस दौरे में अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के कई धार्मिक शहरों का नाम लिया और कहा कि पिछली सरकारों ने वोट की राजनीति के तहत इन शहरों के विकास पर ध्यान नहीं दिया।
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उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पिछली सरकारें मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करती थीं और इसलिए हिंदू तीर्थस्थलों का विकास नहीं करती थीं। ध्यान रहे पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री ने कहा था कि कब्रिस्तान और श्मशान का नैरेटिव बनवाया था। इस बार हिंदू बनाम मुस्लिम धार्मिक स्थलों की बात हो रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया है, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का कॉरिडोर बनवाया है, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, विंध्यवासिनी मंदिर के कॉरिडोर का शिलान्यास हुआ है और आने वाले दिनों में कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने की योजना है। ध्रुवीकरण के लिए इस तरह के एजेंडे ज्यादा कारगर होते हैं। हालांकि कई जानकारों का यह भी कहना है कि चुनाव आते आते मथुरा, काशी का मुद्दा भी उठ सकता है।