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कौन होगा महाराजा का मालिक?

ByNI Political,
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कौन होगा महाराजा का मालिक?
महाराजा यानी एयर इंडिया का मालिक कौन होगा? सरकारी विमान कंपनी 2007 से ही घाटे में चल रही है और केंद्र सरकार इसे चलाए रखने पर करदाताओं का पचासों हजार करोड़ रुपया खर्च कर चुकी है। वह बरसों से इसे बेचना चाह रही है और खरीदार नहीं मिलने के कारण मजबूरी में इसे चलाए रखा गया है। अब कुछ लोगों ने इसके लिए बोली लगाई है। इसमें टाटा समूह की बोली सबसे अहम है। ध्यान रहे आजादी से पहले यह विमानन कंपनी टाटा की ही होती थी, जिसे सरकार ने लिया और 50 साल से ज्यादा चलाया। तभी कहा जा रहा है कि यह सेवा वापस टाटा के पास जा सकती है। वह एयर एशिया के जरिए इसे खरीदना चाह रही है। हालांकि कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि एयर एशिया की सेवाएं बंद होने वाली हैं। पर अचानक पता नहीं क्या हुआ कि एयर एशिया को आगे करके टाटा समूह एयर इंडिया को खरीदने का प्रयास कर रहा है। हालांकि यह भी रहस्य है कि वह विस्तारा के जरिए ऐसा क्यों नहीं कर रहा है? दूसरी बोली एयर इंडिया के कर्मचारियों की है। उसके कर्मचारी चाहते हैं कि कंपनी उनके पास रह जाए और वे चलाएं। सो, बोली लगाने के लिए ढाई सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने एक-एक लाख रुपए जुटाए हैं। वे साझा उद्यम के तौर पर बोली लगाएंगे, जिसमें एक सहयोगी 49 फीसदी हिस्सेदारी वाला होगा। कर्मचारियों के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। कायदे से सरकार को ऐसा करना चाहिए कि अगर कर्मचारी सरकार की ओर से तय कीमत पर खरीदने में सक्षम होते हैं तो बिना बोली लगाए उनको यह सेवा दे देनी चाहिए। पर इसमें मुश्किल यह है कि कर्मचारियों की ओर से 49 फीसदी के जो सहयोगी हैं उनका नाम लक्ष्मी प्रसाद है, जो एक अमेरिकी कंपनी इंटरएप्स इंक के चेयरमैन हैं। ये अचानक सामने आए लक्ष्मी प्रसाद कौन हैं, इनके बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं है। वैसे ही जैसे जेट एयरवेट को खरीदने के लिए अचानक रहस्यमय तरीके से रांची के एक कारोबारी मुरारी लाल जालान आगे आ गए और उनकी मदद के लिए ब्रिटेन की एक कंपनी भी आ गई। सो, एयर इंडिया की बिक्री का मामला भी दिलचस्प हो गया है।
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