उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अलीगढ़ का नाम बदले जाने की बड़ी चर्चा थी। भाजपा के कई नेताओं ने इसका प्रस्ताव दिया था और कहा जा रहा था कि चुनाव से पहले इसका नाम हरिगढ़ कर दिया जाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलीगढ़ दौरे के बाद अब ऐसा लग रहा है कि अभी तुरंत इसका नाम नहीं बदला जाएगा। आखिर प्रधानमंत्री ने इतने लगाव के साथ अलीगढ़ का जिक्र किया तो उसका नाम तत्काल कैसे बदल सकता है! प्रधानमंत्री ने अपने खास अंदाज में एक कहानी सुनाई और जैसे हर जगह वे खुद से या गुजरात से जोड़ते हैं वैसे ही अलीगढ़ को भी जोड़ा। aligarhs name up election
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प्रधानमंत्री ने कहानी सुनाई कि अलीगढ़ से एक मुस्लिम महाशय ताला बेचने गुजरात जाते थे, जिनसे उनके पिता की बहुत खास दोस्ती थी। मोदी ने कहा कि मुस्लिम महाशय ताला बेच कर होने वाली कमाई उनके पिता के पास रखते थे और लौटते समय सारे पैसे लेकर वापस चले जाते थे। प्रधानमंत्री राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने अलीगढ़ गए थे। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप भी तो गुजरात के स्वतंत्रता सेना श्याम जी कृष्ण वर्मा के साथ जोड़ा। प्रधानमंत्री इतने पर नहीं रूके। उन्होंने अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण का शिलान्यास करते हुए बड़े लगाव के साथ अलीगढ़ को याद किया और कहा कि मेरा अलीगढ़ अब देश की सुरक्षा में सहायक बनेगा। सोचें, जिसे प्रधानमंत्री मेरा अलीगढ़ कह रहे हैं उसका नाम इतनी जल्दी कैसे बदला जा सकता है? हो सकता है कि कुछ दिन के बाद बदलाव हो लेकिन कम से कम अभी तो वहां के लोग इत्मीनान रख सकते हैं।
अलीगढ़ का नाम अभी नहीं बदलेगा?
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