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केरल को पुलिस राज बना रहे हैं विजयन

ByNI Political,
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केरल को पुलिस राज बना रहे हैं विजयन
केरल में कमाल हो रहा है। सारे देश में सामाजिक कार्यकर्ता भाजपा की सरकारों के खिलाफ इस बात की लड़ाई लड़ रहे हैं कि भाजपा की सरकारें लोगों की आवाज दबा रही है और असहमति को अपराध बनाया जा रहा है। लेकिन केरल की पी विजयन सरकार ने जो किया है वह अभूतपूर्व है। केरल सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए केरल पुलिस कानून को बदल दिया है। इस बदलाव के बाद केरल पुलिस कानून में एक धारा 118ए जोड़ी गई है, जिसमें पुलिस को अधिकार दिया गया है कि वह सोशल मीडिया में कथित तौर पर कोई भी आपत्तिजनक या किसी की भावना को आहत करने वाली बात लिखने या फैलाने वाले को गिरफ्तार कर सकती है। इसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने अध्यादेश के जरिए यह कानून लागू किया है और हैरानी की बात है कि बिना किसी हील हुज्जत के केरल के पढ़े-लिखे, विद्वान और लिबरल माने जाने वाले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उस पर दस्तखत भी कर दिए। सारे देश में इस तरह की बातों पर सवाल उठाने वाले सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने चुप्पी साधी हुई है। उनकी प्रगतिशीलता को पता नहीं क्या हो गया है? सीपीएम के नेता डी राजा ने जरूर कहा है कि उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी। केरल में कांग्रेस और भाजपा दोनों इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर इसका विरोध होना चाहिए। बड़ी मुश्किल से सुप्रीम कोर्ट ने आईटी एक्ट की धारा 66ए खत्म किया, जिससे लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को धार मिली। अब केरल में सरकार उस धारा को अलग तरह से अपने यहां लागू करने जा रही है। यह बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है और इसका विरोध नहीं हुआ तो देश की अलग अलग राज्य सरकारें अपने यहां इसे दोहराएंगी।
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