तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की सरकार के नेता एक बार फिर वहीं गलती कर रहे हैं, जो लोकसभा चुनाव से पहले की थी। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने अमित शाह की रैलियां रोकने का प्रयास किया था। उनकी रैली को इजाजत नहीं दी गई। अदालत में भी राज्य सरकार ने उनकी रैली रोकने के लिए भरपूर प्रयास किए। राज्य सरकार ने उनकी रैली रोकने के जितने प्रयास किए उससे उनको उतनी लोकप्रियता मिली और भाजपा को उतना ज्यादा फायदा हुआ। तभी चुनाव से पहले मुख्य मुकाबले से बाहर मानी जा रही भाजपा राज्य में 18 सीटें जीतने में कामयाब रही।
फिर वहीं गलती तृणमूल कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। वे नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध को अमित शाह के विरोध में बदल दे रहे हैं। ऐसा करना राजनीतिक रूप से तृणमूल को बहुत नुकसान पहुंचाने वाला होगा। बंगाल सरकार के एक और जमीयत उलेमा ए हिंद के नेता सिदिकुल्ला चौधरी ने अमित शाह को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर नागरिकता कानून वापस नहीं लिया जाता है तो अमित शाह जब भी कोलकाता आएंगे तो उनको हवाईअड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। उनका यह बयान गैरजिम्मेदाराना तो है कि राजनीतिक रूप से भी तृणमूल को नुकसान पहुंचाने वाला और भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला है।