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अमित शाह की चुनावों से दूरी!

ByNI Political,
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अमित शाह की चुनावों से दूरी!
पिछले सात साल में कभी ऐसा नहीं हुआ कि केंद्र में या किसी राज्य में चुनाव होने वाले हों और अमित शाह सक्रिय नहीं हुए हैं। अगले साल के शुरू में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और अभी तक अमित शाह ने कमान नहीं संभाली है। हालांकि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के नेताओं से उनकी बैठक हुई और पार्टी संगठन, सरकार में फेरबदल और चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा भी हुई लेकिन चुनावों में पांच महीने बचे हैं और अमित शाह ने प्रचार अभियान नहीं शुरू किया है। यह बात खासतौर पर उत्तर प्रदेश को लेकर खटकने वाली है, जहां वे प्रभारी रहे हैं। उन्होंने प्रभारी के नाते 2014 का लोकसभा चुनाव लड़वाया था और उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते 2017 का विधानसभा चुनाव लड़वाया था। इन दोनों चुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। इसके बावजूद अमित शाह न उत्तर प्रदेश में सक्रिय दिख रहे हैं और न उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में उनकी कोई सक्रियता दिख रही है। Amit Shah BJP elections Read also अमेरिका की हाँ में हाँ क्यों मिलाएँ ? हाल के दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय के कामकाज से बाहर उनकी राजनीतिक सक्रियता भी कम दिखी है। वे अपने गृह प्रदेश गुजरात जरूर गए थे और वहां सत्ता परिवर्तन के समय मौजूद थे। लेकिन माना जा रहा है कि उसमें भी उन्होंने कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई। याद करें कैसे इस साल मई में पश्चिम बंगाल और असम के चुनाव होने वाले थे तो अमित शाह ने महीनों पहले अभियान शुरू कर दिया था और उनकी सभाएं होने लगी थीं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री ने अलीगढ़ में एक बड़ी सभा की, जहां उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप के नाम से एक यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया और योगी सरकार की जम कर तारीफ की। अगले महीने के शुरू में ही उनका केदारनाथ जाने का कार्यक्रम बना हुआ है। वहां से वे उत्तराखंड के चुनाव अभियान का आगाज करेंगे। इन सबके बीच अमित शाह की चुनाव से दूरी खटकने वाली है। आखिर वे भाजपा के सबसे सफल और बेहतरीन चुनाव रणनीतिकार हैं।
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