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एक और बहुराष्ट्रीय कंपनी भारत छोड़ेगी

ByNI Political,
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एक और बहुराष्ट्रीय कंपनी भारत छोड़ेगी
एक तरफ भारत का मेक इन इंडिया अभियान है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर के कारोबारियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को भारत में निवेश करने का न्योता देते रहते हैं और दूसरी ओर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारत छोड़ने का सिलसिला है। नई कंपनियां भारत नहीं आ रही हैं लेकिन पहले से काम कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारत छोड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है। एक और बहुराष्ट्रीय कंपनी के देश छोड़ने का फैसला हो गया है। जर्मनी की कंपनी होलकिम का भारतीय कारोबार अडानी समूह ने खरीद लिया है। ज्यूरिख स्थित इस कंपनी के पास अंबुजा सीमेंट में 63 फीसदी से ज्यादा और एसीसी सीमेंट में 53 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी थी, जिसे अडानी समूह ने करीब 82 हजार करोड़ रुपए में खरीदा है। इस सौदे के बाद अडानी समूह का देश के सीमेंट कारोबार के 23 फीसदी हिस्से पर कब्जा हो जाएगा, जो आगे चल कर एकाधिकार में बदल सकता है। लेकिन वह अलग चिंता का कारण है। अभी इस सौदे के अंतिम रूप लेने के साथ ही एक और बहुराष्ट्रीय कंपनी का भारत में कारोबार बंद हो जाएगा। इससे पहले एक दर्जन के करीब बड़ी कंपनियों ने भारत से अपना कारोबार समेट लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी मोटर कंपनियों ने भारत में कारोबार बंद किया है। फोर्ड मोटर्स, जनरल मोटर्स, हार्ले डेविडसन, मैन ट्रक जैसी कंपनियों ने भारत में कारोबार बंद कर दिया है। संचार की कंपनियों में हचिसन, इटिस्लैट आदि ने काम बंद किया तो फिडालिटी और सिटी बैंक जैसी वित्तीय कंपनियों ने भारत में अपना कारोबार बंद कर दिया। माना जा रहा है कि टैक्स के ढांचे से लेकर श्रम कानूनों और देश के हालात को देखते हुए कंपनियां भारत से कारोबार समेट रही हैं। अब दुनिया की कंपनियों की पहली पसंद बांग्लादेश, फिलीपींस, वियतनाम आदि देश बन गए हैं। कोरोना के बाद चीन से कारोबार समेटने वाली जापान और दूसरे देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने बांग्लादेश में अपना कारोबार जमाया है।
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