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पूर्व सैनिकों के लिए सेना का निर्देश

ByNI Political,
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पूर्व सैनिकों के लिए सेना का निर्देश
केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को पूर्व सैनिकों का बड़ा समर्थन मिल रहा है। पूर्व सैनिकों के कई संगठनों ने खुले समर्थन का ऐलान किया है और कई संगठनों ने तो यह भी कहा कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी जाती है तो वे राष्ट्रपति से मिल कर अपने मेडल वापस करेंगे। किसान संगठनों की ओर से 26 जनवरी के लिए घोषित कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के शामिल होने की खबरों के बीच सेना ने उनके लिए निर्देश जारी किया है। सेना की ओर से कहा गया है कि पूर्व सैनिक वर्दी पहन कर और रिबन व मेडल लगा कर आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते हैं। इसके लिए सेना के कोड का हवाला दिया गया है। अब सवाल है कि क्या पूर्व सैनिक पहली बार किसी आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं? पूर्व सैनिकों ने वर्दी पहन कर और मेडल लगा कर अनेक बार आंदोलन किया है। वन रैंक, वन पेंशन के आंदोलन में किसान हमेशा पूरी वर्दी में शामिल हुए। इसी तरह अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी पूर्व सैनिकों ने ऐसे ही हिस्सा लिया। तब भाजपा ने ऐसे पूर्व सैनिकों को खूब गले लगाया और यहां तक कि उन्हें चुनाव में टिकट भी दी गई। पूर्व सैनिक की छोड़ें, पूर्व सेना प्रमुख रिटायर होने के साथ ही भाजपा में शामिल हो गए और केंद्र सरकार में मंत्री भी बन गए। लेकिन अब पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन पर आपत्ति की जा रही है, जबकि यह भी पूर्व सैनिकों का ही आंदोलन है। आखिर इस देश के किसान का बेटा ही सेना का जवान है, अधिकारी भले मध्य वर्ग से हो सकते हैं पर जवान तो इन किसानों के बच्चे ही बनते हैं।
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