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अर्णब पर भाजपा क्यों परेशान है?

ByNI Political,
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अर्णब पर भाजपा क्यों परेशान है?
एक टेलीविजन चैनल के प्रमुख को महाराष्ट्र पुलिस ने गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार का है तो पूरी भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री व एकाध दूसरे मंत्रियों को छोड़ कर पूरी केंद्र सरकार ने परेशान हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट करके महाराष्ट्र पुलिस के इस कदम की निंदा की, इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और इसकी तुलना इमरजेंसी के समय से की। इस मामले में सबसे पहले तो यह समझने की जरूरत है कि यह कोई पत्रकारिता पर हमला नहीं है। अर्णब गोस्वामी को उनकी किसी रिपोर्ट के कारण या किसी खबर के कारण नहीं गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपना दफ्तर बनाने वाले इंटीरियर डिजाइनर के पैसे नहीं दिए, जिसकी वजह से अवसाद में आकर डिजाइनर और उनकी मां ने खुदकुशी कर ली। डिजाइनर की पत्नी और बेटी ने अर्णब के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कराया है। यह एक गंभीर आपराधिक मामला है, जिसे पहले ही भाजपा सरकार ने दबा दिया था। सो, ऐसे मामले में गिरफ्तारी को उनके पेशे से नहीं जोड़ा जा सकता है। आखिर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर भी पत्रकार था और प्रातः कमल नाम से उसका भी अखबार निकलता था। लेकिन वह दर्जनों बच्चियों के यौन शोषण की घटना का आरोपी था। इसलिए किसी ने उसकी गिरफ्तारी को पत्रकारिता पर हमला नहीं कहा। वैसे ही अर्णब गोस्वामी के ऊपर दो लोगों को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का मामला है। इसलिए इस मामले में किसी राजनीतिक दल को या किसी भी पत्रकार संगठन को जिम्मेदारी के साथ बरताव करना चाहिए। पुलिस और अदालत के काम में दखल नहीं देना चाहिए। यहां साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार के मंत्री अपनी पार्टी के राजनीतिक लाभ के लिए एक गंभीर आपराधिक मामले के आरोपी का बचाव कर रहे हैं। हैरानी की बात यह भी है कि खुद भाजपा शासित राज्यों ने अनगिनत पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए ट्विट के लिए गिरफ्तार किया। अपने ट्विट को लेकर पत्रकार प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश सरकार ने दो बार गिरफ्तार किया। बीबीसी में पत्रकार रहे विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार की पुलिस दिल्ली से उठा कर ले गई थी। सादिक कप्पन तो हाथरस की घटना कवर करने जा रहे थे और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इन सारी घटनाओं पर चुप्पी साधे रहे भाजपा के नेताओं को एक आपराधिक मामले में हुई गिरफ्तारी पत्रकारिता पर हमला लग रहा है।
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