असम में 27 मार्च को विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है। उससे पहले राज्य की राजनीति तेजी से बदल रही है। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के एनडीए छोड़ कर कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने से सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने बदरूद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूडीएफ के साथ तालमेल किया है और उसके साथ साथ सीपीआई, सीपीएम और सीपीआईएमएल को भी जोड़ा है। इसके अलावा एक क्षेत्रीय पार्टी भी इस गठबंधन में है। इसके बावजूद भाजपा-अगप-यूपीपीएल के गठबंधन से कांग्रेस का सीधा मुकाबला नहीं बन रहा था।
कांग्रेस के मुकाबले असम जातीय परिषद और रायजोर दल का गठबंधन ज्यादा मजबूत दिख रहा था। लेकिन बोडोलैंड पीपुल्स पार्टी के कांग्रेस गठबंधन में आते ही माहौल बदल गया है। अब बोडोलैंड के इलाके में यह गठबंधन भाजपा और उसकी सहयोगी यूपीपीएल को कड़ी टक्कर देगा। इस इलाके में बीपीएफ अब भी सबसे मजबूत ताकत है। कांग्रेस और अजमल के मिल जाने से उसकी ताकत बढ़ेगी। दूसरा फायदा यह होगा कि अजमल के साथ गठबंधन करने से मुस्लिम राजनीति करने का जो ठप्पा कांग्रेस पर लगा है वह काफी हद तक दूर होगा क्योंकि बीपीएफ के नेता हाग्रामा मोहिलारी की छवि कट्टरपंथी नेता की है और उनको घुसपैठियों का बड़ा विरोधी माना जाता है। उनकी छवि स्थानीयता की राजनीति करने वाले नेता की है। कांग्रेस गठबंधन को इसका फायदा मिल सकता है। कुल मिला कर लड़ाई अब त्रिकोणात्मक हो गई है।
असम में बीपीएफ से बदलेगा माहौल
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