यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। असम में यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष रही अंकिता दत्ता की शिकायत पर पुलिस ने उनके खिलाफ दुर्व्यवहार का केस दर्ज कर लिया है। उनके ऊपर यौन दुर्व्यवहार से लेकर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। अंकिता के आरोप के बाद पिछले दिनों उनको यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। तभी से लग रहा था कि श्रीनिवास की मुश्किल बढ़ेगी। उसके तुरंत बाद असम पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके श्रीनिवास को नोटिस जारी किया। पुलिस बेंगलुरू पहुंच गई और वहां उनके घर पर नोटिस चिपका दिया। उनको दो मई को 11 बजे से पहले दिसपुर पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा गया है।
श्रीनिवास का कहना है उनको कर्नाटक में चुनाव प्रचार से रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ध्यान रहे श्रीनिवास बहुत लोकप्रिय हैं और उन्होंने कोरोना महामारी के समय जिस तरह से काम किया और जितने लोगों को मदद की उससे उनका कद बहुत बढ़ा। सो, उनका प्रचार निश्चित रूप से कांग्रेस को मदद पहुंचा सकता है। लेकिन दूसरी ओर यूथ कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के आरोप भी गंभीर हैं। इस मामले में राजनीति होने का अंदाजा इस बात से लगता है कि तीन दिन पहले मीडिया में खबर आई थी कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि कांग्रेस इस मामले में कार्रवाई करे नहीं तो पुलिस करेगी। सोचें, मौखिक यौन हिंसा, दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना जैसे आरोपों में कांग्रेस क्या कार्रवाई करती? क्या मुख्यमंत्री यह कहना चाह रहे थे कि कांग्रेस श्रीनिवास को अध्यक्ष पद से हटा दे तो पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी? क्या इस शिकायत का मकसद श्रीनिवास को यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाना था? अगर ऐसा नहीं था तो सीएम के बयान का क्या मतलब था?