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सरमा की धमकी काम आई!

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असम में पहली राजनीतिक रैली की तो राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कोई आरोप नहीं लगाया। उन्होंने दिल्ली विधानसभा में भाषण देते हुए जो कुछ भी कहा था उसे दोहराया नहीं। उन्होंने राजनीतिक भाषण दिया, राजनीतिक आरोप लगाए, पिछड़ेपन और गरीबी की बात की लेकिन निजी तौर पर सरमा के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया। इससे लग रहा है कि सरमा की धमकी काम आई। असल में असम के मुख्यमंत्री ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि जो बात केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में कह रहे हैं वह बात अगर वे गुवाहाटी आकर करते हैं तो उन पर मुकदमा करेंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया था कि जिस तरह मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की थी वैसी ही कार्रवाई केजरीवाल के खिलाफ भी करेंगे।

केजरीवाल ने रविवार को गुवाहाटी की रैली में इस धमकी का जिक्र किया और सरमा को दिल्ली आने का न्योता दिया। लेकिन अपने आरोप नहीं दोहराए। गौरतलब है कि केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सरमा के ऊपर भ्रष्टाचार के मामले थे लेकिन वे भाजपा में चले गए तो मुकदमे खत्म हो गए। असल में केजरीवाल ने इस बार दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में कई बार भाषण दिया और हर बार भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने मोदी के ऊपर कई तरह के निजी हमले भी किए। उसके बाद ही भाजपा के नेताओं ने उनको चुनौती दी है कि जो बातें वे विशेषाधिकार के सुरक्षा कवच के सहारे विधानसभा के अंदर कह रहे हैं उसे बाहर कह कर दिखाएं। अब सचमुच इस बात की परीक्षा होनी है। केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की बात तो बाहर दोहरा रहे हैं लेकिन नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र नहीं कर रहे हैं।

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