रियल पालिटिक्स

क्षत्रपों से नही जीत पाते मोदी!

ByNI Political,
Share
क्षत्रपों से नही जीत पाते मोदी!
हो सकता है कि इसके कुछ अपवाद हों लेकिन यह तथ्य है कि विधानसभा चुनावों में प्रादेशिक क्षत्रपों के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता काम नहीं आती है। उनके नेतृत्व में लड़ कर भाजपा ने बड़े चुनाव जीते हैं लेकिन ज्यादातर चुनाव कांग्रेस शासित राज्यों में ही पार्टी जीत पाई है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो प्रादेशिक क्षत्रपों के  साथ मुकाबले में हर जगह भाजपा को शिकस्त मिली है। प्रादेशिक क्षत्रपों वाले राज्यों में भी मोदी के चेहरे पर पार्टी उन्हीं राज्यों में जीती है, जहां कांग्रेस एक ताकत है और प्रादेशिक पार्टी के साथ कांग्रेस का तालमेल रहा है। या किसी वजह से कांग्रेस तिकोना चुनाव बनाने में कामयाब हुई है। झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि का इस लिहाज से जिक्र किया जा सकता है। लेकिन जहां कांग्रेस बहुत कमजोर है और कमान प्रादेशिक क्षत्रपों के हाथ में है वहां वे जीते हैं।

यह भी पढ़ें: मोदी का चेहरा बचाना या कुछ और बात?

पश्चिम बंगाल की ताजा मिसाल दी जा सकती है। कांग्रेस वहां है लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस को तीन फीसदी वोट भी नहीं मिले। आमने-सामने के मुकाबले में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को हराया। यह भाजपा से ज्यादा नरेंद्र मोदी की हार थी क्योंकि पार्टी उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी और उन्होंने करीब दो दर्जन चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। इससे पहले पिछले साल जनवरी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में  लगातार दूसरी बार भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी को दांव पर लगा कर चुनाव लड़ा था और दोनों बार अरविंद केजरीवाल ने उनको हराया। उससे पहले 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने मोदी की कमान में चुनाव लड़ रही भाजपा को हराया था। दक्षिण के राज्यों में, कर्नाटक एकमात्र राज्य है, जहां भाजपा के पास अपना क्षत्रप है और उसको छोड़ कर बाकी किसी भी राज्य में पार्टी मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ कर कुछ कमाल नहीं कर पा रही है।
Published

और पढ़ें