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तालिबान की आपदा में भी अवसर!

ByNI Political,
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तालिबान की आपदा में भी अवसर!
ats commando center deoband अफगानिस्तान में तालिबान का शासन एक आपदा की तरह है लेकिन भारत में उसे भी अवसर बनाया जा रहा है। तालिबान की आपदा को अवसर बना कर नए फैसले हो रहा है या पुराने फैसलों को जायज ठहराया जा रहा है। उधर काबुल में तालिबान ने कब्जा किया और इधर उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया कि देवबंद में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड यानी एटीएस का कमांडो सेंटर बनाया जाएगा। ध्यान रहे देवबंद मुस्लिम समाज का एक बड़ा धार्मिक केंद्र है। सरकार एटीएस कमांडो सेंटर बनाए इसमें किसी को दिक्कत नहीं हो सकती है लेकिन इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्विट किया तो उसमे यह जोड़ा कि तालिबान के कब्जे की खबरों के बीच यह यह खबर देखिए, मुख्यमंत्री ने देवबंद में एटीएस कमांडो केंद्र खोलने का फैसला किया है। बाद में भाजपा के एक राज्य सचिव ने भी इसे तालिबान से जोड़ा। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तालिबान ध्रुवीकरण का मुद्दा बन गया। Read also यूरोप में लगी आग इसी तरह दक्षिणपंथी विचारक और भाजपा से जुड़े बौद्धिक तालिबान के बहाने केंद्र सरकार के कई फैसलों को न्यायसंगत ठहराने लगे हैं। कुछ विद्वानों ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि अगर इसे नहीं हटाया गया होता तो कश्मीर घाटी एक बार फिर पठान आतंकवादियों का अड्डा बनती। उनको लग रहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब तालिबान का पहले जैसा असर घाटी में नहीं हो पाएगा और सुरक्षा बल उन्हें काबू में कर लेंगे। इसी तरह अफगान शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के आधार पर संशोधित नागरिकता कानून की तारीफ हो रही है। लोगों को लग रहा है कि अगर सीएए कानून नहीं होता तो अफगानिस्तान से आए ज्यादातर लोग यहां नागरिकता की मांग करते और सरकार उन पर विचार भी कर सकती थी। लेकिन नए कानून की वजह से उनको नागरिकता मिलने में मुश्किल होगी।
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