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नया एजी क्यों नहीं खोज पा रही है सरकार

ByNI Political,
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नया एजी क्यों नहीं खोज पा रही है सरकार
केंद्र सरकार एक बार फिर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को एक साल का सेवा विस्तार देने जा रही है। वे 91 साल के हैं और दो साल से ज्यादा समय से इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाह रहे हैं। उनको केंद्र सरकार ने 2017 में देश का सबसे बड़ा कानूनी अधिकारी अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 2020 में पूरा हुआ तो उन्होंने रिटायर होने की इच्छा जताई थी। केंद्र सरकार की जिद पर उन्होंने कहा था कि वे एक सेवा विस्तार ले सकते हैं यानी 2021 में उनको हर हाल में रिटायर होना था। लेकिन 2021 में भी उनको सेवा विस्तार मिला और अब 2022 में भी फिर एक साल के लिए उनको सेवा विस्तार दिया जाना है। सोचें, केंद्र की सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में मुकुल रोहतगी को अटॉर्नी जनरल बनाया था, जो 2017 में रिटायर हो गए। लेकिन दूसरे अटॉर्नी जनरल के पांच साल हो गए और सरकार एक साल और सेवा बढ़ाने जा रही है। सवाल है कि केंद्र सरकार को केके वेणुगोपाल का विकल्प क्यों नहीं मिल रहा है? सरकार को कोई नया अटॉर्नी जनरल नहीं मिल रहा है या न्यायपालिका में वेणुगोपाल के सम्मान को देखते हुए सरकार उनको हटाना ही नहीं चाह रही है? ध्यान रहे वेणुगोपाल पिछले 67 साल से वकालत कर रहे हैं और पूरे देश में उनसे वरिष्ठ कोई नहीं है। उपनी योग्यता और उम्र दोनों की वजह से उनका बहुत ज्यादा सम्मान है। उनके होने से सरकार को अपना कई एजेंडा लागू करने में आसानी होती है। दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि सरकार हरीश साल्वे को अटॉर्नी जनरल बनाना चाह रही है लेकिन वे इंतजार करा रहे हैं। उन्होंने विदेश का बहुत काम ले रखा है। बताया जा रहा है कि उन सबको निपटाने में बहुत समय लग रहा है।
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