महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्री नवाब मलिक को जल्दी राहत नहीं मिलने वाली है। केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई उनके खिलाफ और तेज होगी। जानकार सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ कुछ नए मामले भी निकलेंगे। अब तक हाई कोर्ट तक से उनको राहत नहीं मिली है और वे सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा रहे हैं। लेकिन जानकार सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट से भी उनको पूरी राहत नहीं मिलने वाली है। भाजपा के एक जानकार नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो दुर्दशा आजम खान की है वहां महाराष्ट्र में नवाब मलिक की होने वाली है। वे महाराष्ट्र के आजम खान बन गए हैं।
भाजपा ने उनको प्रतीक बना दिया है। कांग्रेस और उसकी सहयोगियों पर मुस्लिमपरस्ती का आरोप लगाने के लिए उनका चेहरा बिल्कुल मुफीद है। तभी एक के बाद एक उनके ऊपर कार्रवाई हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उनके ऊपर बरसों पुराने मामले में कार्रवाई की है। ईडी ने उनकी आधा दर्जन से ज्यादा संपत्तियां जब्त की है। मुंबई से उस्मानाबाद तक की उनकी संपत्ति जब्त हुई है। बिल्कुल इसी तरह से उत्तर प्रदेश में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ कार्रवाई हुई। फर्क इतना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इसलिए स्थानीय पुलिस ने भी कई मुकदमे किए। दूसरे, समाजवादी पार्टी ने आजम खान को उनके हाल पर छोड़ दिया था जबकि महाराष्ट्र में शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार है और इस सरकार ने मलिक को बिना विभाग का मंत्री बनाए रखा है। भले राज्य की पुलिस कोई मुकदमा दर्ज न करे पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई ही भारी होने वाली है। कम से कम बीएमसी चुनाव तक मलिक को उलझाए रखने की योजना है।