कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे और डेल्टा व ओमिक्रॉन दोनों के बढ़ते केसेज के बीच देश के सभी राज्यों में पाबंदियों, नाइट कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू आदि लगाए गए हैं और इनके अलावा कई किस्म की पाबंदियां लगाई गई हैं। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं और जिम व स्पोर्ट्स की सुविधाएं भी बंद कर दी गई हैं। दुकानों पर पाबंदी है। दिल्ली में तो ऑड-इवन से दुकानें खोलने का प्रावधान किया गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि किसी राज्य में शराब और बार आदि बंद करने के बारे में नहीं सोचा गया। Bars and liquor shops
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कोरोना आते ही सबसे पहले स्कूल-कॉलेज बंद किए गए। कोरोना के दो साल में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी चीज का हुआ है तो वह शिक्षा का है। इस बार भी कोरोना आते ही सबसे पहले स्कूल-कॉलेजों में ताले लगे। लेकिन शराब की दुकानें नहीं बंद की गईं। ध्यान रहे कोरोना की पहले की लहरों में भी सरकारों ने शराब की बिक्री सुनिश्चित की थी। जब तक संभव हुआ दुकाने खोले रखी गईं और जब यह संभव नहीं हुआ तो ऑनलाइन बिक्री शुरू कराई गई। सरकारों ने घर-घर शराब की डिलीवरी सुनिश्चित कराई। जब शराब के राजस्व से सरकारों के शिक्षा विभाग चलेंगे तो इससे बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
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