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राज्यों में भी भाजपा का बड़ा लक्ष्य

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में चार सौ सीट जीतने का लक्ष्य तो रखा ही है साथ ही राज्यों में भी बहुत महत्वाकांक्षी और बड़ा लक्ष्य तय किया है। इस साल जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों में कहीं भी भाजपा ने साधारण बहुमत हासिल करने का लक्ष्य नहीं रखा है। हर जगह दो तिहाई या तीन चौथाई सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया है। मध्य प्रदेश में साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, जहां पिछले चुनाव में भाजपा 15 साल राज करने के बाद हारी थी। हालांकि बाद में उसने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ कर अपनी  सरकार बना ली। पिछली बार 230 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। इस बार भाजपा ने दो सौ सीटों का लक्ष्य रखा है। मिशन दो सौ के लिए पार्टी काम कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस ने सीटों की संख्या नहीं बताई है परंतु प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि इतनी सीटें जीतेंगे कि तोड़ फोड़ की स्थिति नहीं बनेगी।

राजस्थान की दो सौ विधानसभा सीटों में भाजपा ने डेढ़ सौ से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य रखी है। भाजपा को 2013 में राजस्थान में 163 सीटें मिली थीं, इस बार का लक्ष्य उसे पार करने का है। कर्नाटक मई में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। पिछले चुनाव में भाजपा बहुमत से नौ सीट पीछे रह गई थी। राज्य की 224 में से भाजपा को 104 सीट मिली थी। वह सबसे बड़ी पार्टी थी पर कांग्रेस और जेडीएस ने चुनाव बाद गठबंधन करके सरकार बना ली थी। इस बार भाजपा ने 140 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। ध्यान रहे 2008 के चुनाव के बाद भी भाजपा की सरकार बनी थी पर तब भी उसे बहुमत नहीं मिला था। इस बार भाजपा ने बहुमत से काफी आगे का लक्ष्य रखा है। दिल्ली, झारखंड जैसे कई राज्यों में भाजपा अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह गई थी फिर भी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए पार्टी बड़ा लक्ष्य तय करती है।

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