बिहार में हाल में ही दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे और सत्तारूढ़ महागठबंधन व मुख्य विपक्षी भाजपा के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटा था। दोनों पार्टियों ने एक एक सीटें जीती थीं। अब फिर एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है और इसे निर्णायक माना जा रहा है। यह सीट जो पार्टी जीतेगी उसका पलड़ा भारी माना जाएगा। बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट राजद की थी लेकिन उसने यह सीट सहयोगी पार्टी जदयू के लिए छोड़ी है। अक्टूबर में हुए दो सीटों के उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार के लिए नहीं गए थे लेकिन इस बार कुढ़नी विधानसभा सीट पर वे प्रचार करने पहुंचे।
अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोड़ कर राजद के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार वे राजद नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ प्रचार के लिए पहुंचे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी पूरी ताकत लगाई है। उसके सारे दिग्गज नेता गुजरात और दिल्ली नगर निगम में प्रचार करने के साथ साथ कुढ़नी में भी प्रचार करने पहुंचे थे। सात साल पहले 2015 में इस सीट पर अभी के जैसा ही मुकाबला हुआ था। जदयू के उम्मीदवार थे मनोज कुशवाहा और भाजपा ने केदार गुप्ता को उतारा था। तब केदार गुप्ता चुनाव जीते थे। इस बार फिर ये ही दोनों उम्मीदवार हैं। फर्क यह है कि इस बार भाजपा के साथ सिर्फ चिराग पासवान की पार्टी है, जबकि 2015 में उपेंद्र कुशवाहा व जीतन राम मांझी की पार्टी और मुकेश साहनी का भी साथ था। इस बार ये तीनों महागठबंधन के साथ हैं। इसलिए काफी कांटे की टक्कर हो गई है।