modi caste based census बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। उनके साथ बिहार के नेताओं का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी था। मीडिया में इस मुलाकात की बहुत हाइप बनी थी क्योंकि बिहार के 10 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जाति आधारित जनगणना की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री से मिला था। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की। लेकिन प्रधानमंत्री या उनके कार्यालय की ओर से इस मुलाकात का कोई ब्यारो या फोटो जारी नहीं किया गया। सोचें, टाइम मांगने पर कई दिन के इंतजार और मीडिया के जरिए याद दिलाने पर मिलने का समय मिला था और मिले तो उसकी न फोटो जारी हुई और न खबर!
ध्यान रहे प्रधानमंत्री जब भी किसी नेता से मिलते हैं तो उस मुलाकात की फोटो जारी की जाती है। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ हर मुलाकात की फोटो ट्विट करता है और जो महत्वपूर्ण मुलाकातें होती हैं उनकी फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी ट्विटर हैंडल से भी ट्विट की जाती हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि नीतीश कुमार सहित बिहार के 10 नेताओं से प्रधानमंत्री के मिलने की फोटो न पीएमओ ने ट्विट की और न प्रधानमंत्री के निजी हैंडल से फोटो ट्विट की गई। अगस्त के महीने में प्रधानमंत्री अनेक मुख्यमंत्रियों से मिले, जिनकी फोटो पीएमओ ने ट्विट की। प्रधानमंत्री 11 अगस्त को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर से मिले थे और उसी दिन तीन राज्यपालों- जगदीप धनकड़, कलराज मिश्र और अनुसुइया उइके से भी मिले थे, इन चारों मुलाकातों की फोटो ट्विट की गई।
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उसके बाद टोक्यो ओलंपिक से लौटे खिलाड़ियों से प्रधानमंत्री की मुलाकात की अनेक तस्वीरें ट्विट की गईं। प्रधानमंत्री 18 अगस्त को अंडमान निकोबार के उप राज्यपाल डीके जोशी से मिले उसकी भी फोटो पीएमओ ने ट्विट की। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की मुलाकात की फोटो भी पीएमओ ने ट्विट की थी। प्रधानमंत्री के निजी ट्विटर हैंडल से विदेशी मेहमानों और ओलंपिक खिलाड़ियों से मुलाकात की फोटोज के साथ साथ 30 जुलाई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई से मुलाकात की फोटो ट्विट की गई थी।
जिन मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या आम लोगों की फोटो पीएम के या पीएमओ के ट्विटर हैंडल से नहीं जारी की जाती है उनकी भी फोटो पीआईबी से जारी की जाती है या कम से कम मिलने वालों को मुलाकात की फोटो उपलब्ध करा दी जाती है, जिसे वे खुद जारी करते हैं या ट्विट करते हैं। लेकिन नीतीश और बाकी नौ बिहारी नेताओं की फोटो न तो कहीं से जारी की गई और न मिलने वालों को उपलब्ध कराई गई है। तभी प्रधानमंत्री से मिलने वाले कई नेता सोमवार को देर शाम तक मीडिया के लोगों को फोन करके पूछ रहे थे कि क्या उनको फोटो मिली है? बेचारे बिहार के नेता! प्रधानमंत्री से मिल कर बाहर आने के बाद साउथ ब्लॉक के सामने साझा प्रेस कांफ्रेंस की फोटो शेयर करके संतोष कर रहे हैं!
बेचारे बिहार के सीएम और नेता विपक्ष!
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