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बिहार में कांग्रेस की कैसी राजनीति?

ByNI Political,
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बिहार में कांग्रेस की कैसी राजनीति?
बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन यानी जदयू, भाजपा और लोजपा ने मोटे तौर पर अपनी चुनावी रणनीति बना ली है। भाजपा के तमाम शीर्ष नेताओं ने ऐलान कर दिया है कि गठबंधन बना रहेगा और एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। कहा जा रहा है कि तीनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी बात काफी हद तक हो चुकी है। पर दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में अभी शुरुआती तैयारी भी नहीं दिख रही है। राजद के नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी के विरोध में बिहार भर की यात्रा कर रहे हैं। पर उन्होंने अपनी इस यात्रा में सहयोगी कांग्रेस पार्टी को शामिल नहीं किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में साथ लड़ी पार्टियों से भी राजद ने बात नहीं की है और अपनी ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया है। हालांकि तेजस्वी के नाम पर अभी तक कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि पार्टी कुछ दूसरी छोटी-छोटी पार्टियों को साथ लेकर अपने को मजबूत कर रही है ताकि गठबंधन होने की स्थिति में राजद के साथ बेहतर मोलभाव हो सके। इस काम में रालोसपा के नेता उपेंद्र कुशवाहा कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा की दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार देने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस को एक सीट मिलनी चाहिए थी। शरद यादव का खेमा भी राजद के फैसले से नाराज है। अभी तक स्वंतत्र रूप से राजनीति करने की तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन में अपने लिए एक बड़ा हिस्सा चाहती है और वह उसी की तैयारी कर रही है। तेजस्वी के नाम पर सहमत होने में कांग्रेस को दिक्कत नहीं है पर उसके बदले में कांग्रेस को अच्छा खासा हिस्सा मिलना चाहिए।
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