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बिहार में कोई खिचड़ी पक रही है क्या?

ByNI Political,
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बिहार में कोई खिचड़ी पक रही है क्या?
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के जेल के छूटने के बाद बिहार के राजनीतिक हलके में इस बात की चर्चा है कि अंदरखाने कोई खिचड़ी पक रही है। वैसे भी लालू प्रसाद जेल से रिहा होने के बाद से दिल्ली में ही है लेकिन भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है और दूसरी ओर उसकी सहयोगी जनता दल के नेताओं की तल्खी बढ़ी है। जनता दल के प्रवक्ता ने टेलीविजन की बहसों में परोक्ष रूप से भाजपा पर जिम्मेदारी डालने लगे हैं। उनको अपने मुख्यमंत्री का बचाव करना होता है लेकिन अब वे भाजपा को निशाना बनाने लगे हैं। ध्यान रहे भाजपा ने मंगल पांडेय को ही स्वास्थ्य मंत्री बनाया है, जो कोरोना की पहली लहर में भी आलोचना का शिकार हुए थे और मुख्यमंत्री को तीन बार स्वास्थ्य सचिव बदलना पड़ा था।

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बहरहाल, बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि हाल ही जनता दल यू में शामिल हुए एक बड़े नेता ने राजद से तार जोड़े हैं। दिल्ली में कुछ मुलाकातें होने की खबर है और जानकार सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद राजनीतिक सहयोगी को इस काम में शामिल किया जाएगा। हो सकता है कि भाजपा के ऊपर दबाव बनाने के लिए जनता दल यू के नेता इस किस्म का प्रचार कर रहे हों पर जदयू के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार पिछले चुनाव में भाजपा की राजनीति से बहुत आहत हुए हैं। भाजपा ने भले उनको मुख्यमंत्री बनवा दिया है पर उनकी पार्टी सिर्फ 43 सीट जीत पाई तो इसके लिए वे और उनकी पार्टी चिराग पासवान से ज्यादा भाजपा को जिम्मेदार मानते हैं। तभी कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में 2012-13 का इतिहास दोहराया जा सकता है। भाजपा को सबक सिखाने के लिए नीतीश कुमार कोई बड़ा कदम उठा सकते हैँ।
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