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लोकसभा तक राजद को इंतजार नहीं करना है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल को 2025 तक की सीमा दी है। नीतीश कुमार ने कहा है कि तेजस्वी यादव 2025 के चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। लेकिन तेजस्वी की पार्टी को उस समय तक इंतजार नहीं करना है, बल्कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव तक भी इंतजार करने को तैयार नहीं है। राजद के एक जानकार नेता का कहना है कि पार्टी को लग रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश भाजपा से अपना बदला निकाल लेंगे और उसके बाद फिर भाजपा के साथ चले जाएंगे। राजद के कई नेता मान रहे हैं कि नीतीश ने 2020 के विधानसभा चुनाव का बदला निकालने के लिए राजद को भाजपा के खिलाफ हथियार बनाया है।

ध्यान रहे 2020 के विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने नीतीश की पार्टी के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। उनको भाजपा का परोक्ष समर्थन था। चिराग के उम्मीदवारों ने जदयू को 30 से ज्यादा सीटों पर हरवाया, जिससे नीतीश की पार्टी 43 सीटों पर सिमटी। नीतीश कुमार इसका बदला भाजपा से लेना चाहते हैं। यह काम वे राजद और कांग्रेस को साथ लेकर ही कर सकते हैं। इन तीनों पार्टियों का महागठबंधन एक साथ लड़ता है तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। राजद को लग रहा है कि जदयू का लक्ष्य सिर्फ इतना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुछ सीटें हरवा कर उसका बहुमत कम कर दिया जाए। उसके बाद फिर जदयू अपनी शर्तों पर भाजपा के साथ जा सकती है। तभी राजद की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाया जाए।

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