बिहार में एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। इसी महीने दो सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए, जिसमें एक सीट पर भाजपा जीती और दूसरी सीट पर राजद का कब्जा बरकरार रहा। भाजपा गोपालगंज की जिस सीट पर जीतने में कामयाब रही वहां उसे बसपा और एमआईएम के उम्मीदवारों से बड़ी मदद मिली। असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी का मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था, जिसे 12 हजार वोट मिले और बसपा ने साधु यादव की पत्नी को टिकट दिया था, जिनको 88 सौ वोट मिले। दोनों को मिला कर 21 हजार के करीब वोट मिले थे और राजद उम्मीदवार करीब 18 सौ वोट से हारा था। इस बार भी बिहार की कुढ़नी सीट पर ओवैसी ने मुस्लिम उम्मीदवार उतार दिया है। वहां करीब 60 हजार मुस्लिम वोट हैं।
ओवैसी की काट के लिए इस बार राजद, जदयू गठबंधन ने भी नया दांव चला है। यह सीट राजद की थी लेकिन उसने जदयू को दे दिया है उसने कुशवाहा उम्मीदवार उतारा है। इस क्षेत्र में मुस्लिम और यादव के अलावा कोईरी-कुर्मी बड़ी संख्या हैं, जिनके सबसे लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार हैं। तभी राजद ने यह सीट छोड़ी। अब महागठबंधन के समीकरण में मुस्लिम, यादव, कोईरी और कुर्मी हैं। इसके अलावा भूमिहार और मल्लाह मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। भाजपा ने पूर्व विधायक केदार गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। उसे वैश्य, भूमिहार और मल्लाह वोट एकमुश्त मिलने की उम्मीद है। मुस्लिम वोट जदयू से कट कर ओवैसी के साथ गए तो भाजपा का मौका बनेगा। लेकिन इसकी काट में महागठबंधन की मदद करेंगे मुकेश सहनी। उनकी विकासशील इंसान पार्टी ने मल्लाह उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। भाजपा से नाराज मुकेश सहनी उसे बोचहां सीट पर उपचुनाव हरवा चुके हैं। कुढ़नी में भी वे मल्लाह वोट काट कर वे यह काम कर सकते हैं।