पिछले कुछ दिनों से भारत सरकार के मंत्रियों के कामकाज को लेकर कमाल का गोलमाल हो रहा है। भारत सरकार के जिस मंत्री को जो काम करना है उसे छोड़ कर वह बाकी दूसरे काम कर रहा है। मंत्री अपने अपने विभाग के कामकाज से नदारद हैं और दूसरे मंत्रालयों के कामकाज पर विशेषज्ञ टिप्पणी कर रहे हैं। जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट से पहले उद्योगपतियों से चर्चा की और फिर उन्होंने देश के जाने माने अर्थशास्त्रियों के साथ नीति आयोग में बैठक की। नीति आयोग की बैठक में देश के गृह मंत्री अमित शाह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी दोनों शामिल हुए और पूरे मनोयोग से सारी बातें सुनीं। पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक से नदारद रहीं।
इसी तरह जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जेएनयू में छात्रों के साथ मारपीट का विवाद हुआ और पूरे देश में हंगामा मचा तो पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। ऐसे ही जेएनयू में नकाबपोश गुंडों के हमले में घायल हुई लड़कियों का हालचाल जानने में महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कोई रूचि नहीं दिखाई पर लगातार दो दिन उन्होंने इस बात पर बयान दिया कि दीपिका पदुकोण जेएनयू में क्यों गई थीं। उन्होंने यह भी पूछा कि दीपिका बताएं कि उनका राजनीतिक रूझान क्या है।
रेलवे के निजीकरण को लेकर पिछले कुछ दिन से विवाद चल रहा है पर रेल मंत्री पीयूष गोयल की जो हाल में खबर आई थी वह ये थी कि उन्होंने मुंबई में फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियों को एक पांच सितारा होटल में इकट्ठा किया था और नागरिकता कानून पर उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास किया। हालांकि उसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई क्योंकि मुख्यधारा का कोई व्यक्ति इसमें नहीं पहुंचा। ऐसे ही कॉल ड्रॉप मंत्रालय के नाम से मशहूर संचार मंत्रालय के मंत्री रविशंकर प्रसाद संचार को छोड़ कर बाकी सभी मसलों पर बोलते हैं।
बहुत सार्थक एवं दिलचस्प समाचार मिलते हैं आपके द्वारा।