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सर्वेक्षणों में भाजपा कभी नहीं हारती

ByNI Political,
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सर्वेक्षणों में भाजपा कभी नहीं हारती
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दो सर्वेक्षण आ चुके हैं। एक सी-वोटर ने किया है और दूसरी सीएसडीएस-लोकनीति ने। दो अलग अलग चैनलों के लिए किए गए सर्वेक्षणों में एनडीए की सरकार बनने का अनुमान जाहिर किया गया है। एक चैनल के मुताबिक एनडीए को 160 सीटें आएंगी और दूसरे सर्वे के मुताबिक एनडीए 143 सीट जीतेगा। दोनों सर्वेक्षणों में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाया गया है। वैसे इस बार बिहार में यह आम धारणा भी दिख रही है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो बिहार की राजनीति में पहली बार होगा। आज तक भारतीय जनसंघ या भाजपा कभी भी सबसे बड़ी पार्टी नहीं रहे हैं। बहरहाल, यह एक अलग बहस का विषय है कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों या एक्जिट पल पर कितना भरोसा किया जाए। परंतु यह निर्विवाद है कि भाजपा कभी किसी सर्वेक्षण में नहीं हारती है। कम से कम पिछले दस साल में एकाध अपवाद को छोड़ दें तो किसी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में भाजपा हारती हुई नहीं दिखती है। जहां उसकी हालत कमजोर होती है वहां भी कड़ा मुकाबला दिखाया जाता है। दिल्ली में 2015 में 70 में से भाजपा को महज तीन सीटें मिली थीं। इसके बावजूद किसी एजेंसी ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में भाजपा की ऐसी हालत नहीं बताई थी। तब भी भाजपा को मुकाबले में बताया गया था और इस साल के चुनाव में भी सर्वेक्षणों में भाजपा कड़े मुकाबले में थी लेकिन सिर्फ आठ सीट जीत पाई। पिछले साल का झारखंड चुनाव हो या 2015 का बिहार चुनाव उसमें भी भाजपा या तो जीत रही थी या बराबरी के मुकाबले में थी। सो, यह रहस्य है कि कैसे ऐसा होता है कि किसी सर्वेक्षण में भाजपा के सहयोगी तो पिछड़ सकते हैं पर भाजपा कभी नहीं हारती?
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