रियल पालिटिक्स

भाजपा-शिव सेना की जंग चलेगी

ByNI Political,
Share
भाजपा-शिव सेना की जंग चलेगी
भाजपा और शिव सेना की दोस्ती या गठबंधन जितना पुराना और जितना मजबूत रहा, अब दुश्मनी भी वैसी ही दिख रही है। दोनों के बीच चल रही जंग थमने वाली नहीं है और ऐसा लग रहा है कि शिव सेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तय कर लिया है कि वे हर मामले में भाजपा से लड़ेंगे और बिना लड़े आसानी से भाजपा को कुछ भी करने नहीं देंगे। जैसे उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया कि नोएडा में फिल्म सिटी बनाई जाएगी और हिंदी फिल्मों का निर्माण मुंबई की बजाय उत्तर प्रदेश में होगा। इस पर उद्धव ने कहा कि ‘देखते हैं किसमें हिम्मत है, जो फिल्म उद्योग को मुंबई से हटाता है’। उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नोएडी की फिल्म सिटी मुंबई से कई गुना बड़ी और बेहतर होगी। आने वाले दिनों में इस पर संघर्ष चलता रहेगा। इसी तरह अर्णब गोस्वामी के मामले में भी शिव सेना की राज्य सरकार ने बहुत सख्त रवैया अख्तियार किया। राज्य सरकार ने खुदकुशी के लिए मजबूर करने के जिस मामले में उनको गिरफ्तार किया, उसके लिए पूरी तैयारी की गई और यहीं कारण है कि निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक में जमानत हासिल करने में अर्णब को एक हफ्ते लग गए। कहां तो पलक झपकते उनके मामलों की सुनवाई होती थी और कहां एक हफ्ते तक उनको जमानत के लिए घूमना पड़ा और इस दौरान वे जेल में रहे। उनको मेकशिफ्ट जेल से निकाल कर तलोजा जेल भेजा गया क्योंकि वे मेकशिफ्ट जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। अर्णब गोस्वामी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की कार्रवाई एक तरह से भाजपा और उसकी केंद्र सरकार के खिलाफ आमने-सामने की जंग का ऐलान है। शिव सेना के एक नेता का कहना है कि भाजपा छद्म युद्ध कर रही है। चैनल वालों और फिल्म वालों को आगे करके शिव सेना और उद्धव ठाकरे के परिवार पर हमले करा रहा है। इसलिए शिव सेना भी चैनल वालों और फिल्म वालों पर कार्रवाई करेगी। शिव सेना का नजरिया ऐसा है कि भाजपा अपने लोगों को बचा सकती है तो बचा ले। अभी तो कई और केसेज आगे बढ़ेंगे। टीआरपी घोटाले के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने अपनी जांच शुरू कर दी है और इसी केस को ध्यान में रखते हुए सीबीआई को दी गई जेनरल कन्सेंट वापस ले ली है। असल में उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे ही एक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। जैसे ही सीबीआई ने लखनऊ का केस अपने हाथ में लिया वैसे ही महाराष्ट्र ने उसे दी गई जेनरल कन्सेंट वापस ले ली। यानी टीआरपी घोटाले की जांच महाराष्ट्र की पुलिस ही करेगी। सो, फिल्म सिटी से लेकर, फिल्म वालों, चैनल वालों, कोरोना के दिशा-निर्देश, केंद्र के बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे अनेक मामले हैं, जिन पर भाजपा और शिव सेना की जंग जारी रहेगी।
Published

और पढ़ें