भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के दोवार्षिक चुनाव में 22 उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन उनमें एक भी मुस्लिम नहीं है। भाजपा के तीन मुस्लिम सांसद रिटायर हो रहे हैं, लेकिन उसने किसी को रिपीट नहीं किया। एमजे अकबर और जफर इस्लाम तो कुछ समय पहले भाजपा से जुड़े थे लेकिन केंद्र सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो दशकों से भाजपा और संघ से जुड़े रहे हैं और शिया मुस्लिम हैं फिर भी पार्टी ने उनको टिकट नहीं दी। जब राज्यसभा की टिकट नहीं मिली तो कहा गया कि पार्टी उनकी पारंपरिक लोकसभा सीट रामपुर से उपचुनाव में टिकट देगी। लेकिन वह भी नहीं दी गई।
इस साल के शुरू में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें भाजपा करीब पौने चार सौ सीटों पर लड़ी और उसमें भी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। उसके बाद राज्यसभा की आठ टिकटों में भी किसी मुस्लिम को शामिल नहीं किया और अब रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी नकवी को टिकट नहीं मिली। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भाजपा ने रणनीति के तहत ऐसा किया है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड से चुने गए तीनों मुस्लिम राज्यसभा सदस्यों को टिकट नहीं देना और फिर उपचुनाव में भी नकवी को टिकट नहीं देना अनायास नहीं है।
अब सवाल है कि यह किसकी रणनीति है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने यह रणनीति बनाई या इसके पीछे कोई और कहानी है? जानकार सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही साफ कर दिया था कि वे अपने यहां से किसी मुस्लिम को टिकट नहीं देंगे। हिंदू हृदय सम्राट की अपनी छवि को और मजबूत करने के लिए वे इन दिनों कई काम कर रहे हैं। ध्यान रहे विधानसभा चुनाव में भी वे लगातार 80 फीसदी बनाम 20 फीसदी की बात करते रहे थे। वे साफ तौर पर दिखाना चाहते हैं कि भाजपा 80 फीसदी वालों की पार्टी है और उसको 20 फीसदी की जरूरत नहीं है।
बताया जा रहा है कि इस मसले पर उनका दो टूक स्टैंड देखने के बाद ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुस्लिम सांसदों के बारे में फैसला किया। ध्यान रहे अगले साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं और झारखंड में केंद्रीय एजेंसियों व संवैधानिक संस्थाओं की कार्रवाई से जैसे हालात बने हैं उसमें भाजपा किसी भी समय मध्यावधि चुनाव की संभावना देख रही है। इसलिए इन राज्यों से चुने गए मुस्लिम नेताओं की टिकट कटी और पार्टी ने बाहर से किसी को नहीं भेजा। ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री योगी ने जो 80 और 20 का जो मैसेज बनवाया है उसका मैसेज पूरे देश में बनवाने के लिए मुसलमानों को टिकट नहीं दी गई। एकाध एमएलसी बनाना और किसी राज्य में मंत्री बना देना अलग बात है।