रियल पालिटिक्स

मध्य प्रदेश में भाजपा की चिंता

ByNI Political,
Share
मध्य प्रदेश में भाजपा की चिंता
अगले साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें से ऐसा लग रहा है कि भाजपा को सबसे ज्यादा चिंता मध्य प्रदेश की है। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक पार्टी के नेता पिछले यानी 2018 के चुनाव नतीजों की वजह से आशंकित हैं। जैसे कांग्रेस ने पिछली बार लड़ा था और भाजपा को हरा दिया था उसी तरह इस बार भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी चुनाव की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के साथ इस बात की सहानुभूति भी है कि भाजपा ने उसकी चुनी हुई सरकार गिरा दी थी। इसके अलावा भाजपा के अंदर बहुत खींचतान की खबरें हैं। कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। तभी भाजपा मध्य प्रदेश पर खास ध्यान दे रही है। इसी सिलसिले में पिछले दिनों भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष की पार्टी नेताओं के साथ बैठक हुई, जिसमें अगले साल के चुनाव से जुड़े पहल पहलुओं पर चर्चा हुई। बीएल संतोष  के साथ हुई बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पांच जिलों के अध्यक्ष बदल दिए। इनमें से चार जिले ग्वालियर और मुरैना इलाके के हैं। ध्यान रहे ये इलाके भाजपा के दो बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के असर वाले हैं। इन इलाकों में स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। यह भी बताया जा रहा है कि बीएल संतोष के साथ हुई बैठक में प्रदेश के कई नेताओं ने बुलडोजर की राजनीति पर सवाल उठाया और कहा कि यह राजनीति भले उत्तर प्रदेश में सफल रही हो लेकिन मध्य प्रदेश में कारगर नहीं रहने वाली है। तभी कहा जा रहा है कि अब चुनाव तक बुलडोजर न्याय स्थगित रह सकता है।
Published

और पढ़ें