जिस समय सारी विपक्षी पार्टियों नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में बिजी हैं और आर्थिक मसलों को छोड़ा हुआ है उस समय राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ी संस्था भारतीय मजदूर संगठन, बीएमएस ने सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री के विरोध में प्रदर्शन का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीएमएस पिछले कुछ दिनों से सरकारी कंपनियों की बिक्री के प्रयासों का विरोध कर रहा है। उसने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों से विनिवेश की प्रक्रिया रोकने की अपील की थी, जिसका कोई असर नहीं हुआ है। सो, बीएमएस क ओर से तीन जनवरी को देश भर में प्रदर्शन किया जाना है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में एक लाख दस हजार करोड़ रुपए विनिवेश के जरिए हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार मुनाफा कमाने वाली पांच सरकारी कंपनियों को बेचने जा रही है। इसमें भारत पेट्रोलियम भी है, जिसकी बिक्री से सरकार को 64 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार कंटेनर कारपोरेशन, शिपिंग कारपोरेशन जैसी कंपनियों को भी बेच रही है और साथ ही एयर इंडिया का भी विनिवेश होना है। सरकार को बिक्री की यह प्रक्रिया मार्च तक पूरी करनी है। पर हकीकत यह है अभी तक कहीं से भी खरीददार नहीं मिल रहे हैं। तभी कहा जा रहा है कि सरकार अपना लक्ष्य घटा सकती है। बहरहाल, सरकार जो करे पर बीएमएस का प्रदर्शन होगा।