by elections west bengal केंद्रीय चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों में खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराना है लेकिन ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तरसा तरसा कर चुनावों की घोषणा करने का मन बनाया है। आखिर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग पर बहुत हमला किया है और उसे केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने वाला संगठन बताय है। सोशल मीडिया में केंद्रीय चुनाव आयोग का ‘केंचुआ’ का जुमला भी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने वायरल कराया था। अब आयोग के हाथ में मौका है। हालांकि ऐसा नहीं है कि उपचुनाव नहीं कराना है और चुनाव नहीं करा कर ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाना है, ऐसा लग रहा है कि चुनाव की घोषणा में देरी का मकसद ममता बनर्जी की बेचैनी बढ़ाना है।
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ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने कई बार चुनाव आयोग से चुनाव कराने की अपील की है। कोरोना का केसेज कम होने के नाम पर जल्दी चुनाव कराने की मांग हो रही है। इस बीच कर्नाटक के बाद बिहार में भी स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा हो गई है। इसलिए यह संभव नहीं लगता है कि चुनाव आयोग चुनाव रोक दे। जानकार सूत्रों के मुताबिक इस महीने के शुरू में ही उपचुनावों की घोषणा हो सकती है। पश्चिम बंगाल में सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं। बंगाल के अलावा हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों की कुल एक दर्जन सीटों पर उपचुनाव होना है। उम्मीद करनी चाहिए कि चुनाव आयोग सारे उपचुनाव एक साथ कराएगा, वैसे नहीं कराएगा, जैसे राज्यसभा के चुनाव किश्तों में कराए जा रहे हैं।
इस महीने उपचुनावों की घोषणा संभव
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