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चीन के साथ सहयोग की मजबूरी

ByNI Political,
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चीन के साथ सहयोग की मजबूरी
दुनिया भर के देशों में चीन को लेकर नाराजगी है। अमेरिका से लेकर भारत और यूरोप के देशों तक में सोशल मीडिया में चीन के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि चीन ने कोरोना वायरस फैलाया है। यह भी माना जा रहा है कि उसके पास जरूर कोई उपाय है, जिससे उसने इसे अपने यहां फैलने से रोक दिया है और बाकी देशों में यह वायरस कहर बरपा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि उसने अपने को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए जान बूझकर वायरस फैलाया है। पर दुनिया भर के देशों की मजबूरी है कि वे चीन के साथ सहयोग बनाए रखें क्योंकि संकट के इस समय में अगर चीन ने साथ छोड़ा तो दुनिया भर के देशों में कई चीजों की भारी कमी हो सकती है। ध्यान रहे दवा से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण तक के निर्माण में लगने वाले जरूरी कंपोनेंट चीन से आते हैं। चीन ने दुनिया के कई देशों को खराब टेस्टिंग किट्स भेज दिए। स्पेन में काफी लोग इसकी वजह से मर गए। स्पेन के अलावा नीदरलैंड और चेक गणराज्य में उसने खराब उपकरण भेजे। इसके बावजूद दुनिया भर के देश मजबूरी में उसके यहां से टेस्टिंग किट, दवाएं और दूसरे उपकरण खरीद रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीन पर आरोप लगाया था कि वह वायरस फैला रहा है पर अब अमेरिका खुद ही चीन से सामान खरीद रहा है। दवा और मेडिकल उपकरण से भरा पहला कार्गो जहाज चीन से अमेरिका पहुंच गया है और इस तरह 18 जहाज जरूरी उपकरण लेकर अमेरिका जाने वाले हैं। भारत भी चीन से दवा खरीदने पर विचार कर रहा है। भारत चीन ने टेस्टिंग किट नहीं मंगा रहा है पर कहा जा रहा है कि वह स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, पीपीई की खरीद चीन से करेगा।
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