राहुल गांधी एक बार फिर प्रदेशों में अपने करीबी नेताओं की टीम बनाने लगे हैं। इससे पहले 2017 के आखिर में पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले राहुल ने कई राज्यों में अपने लोगों की टीम बनाई थी। हालांकि वह टीम बहुत जल्दी बिखर गई। उस टीम के नेता दूसरी पार्टियों में चले गए। अब एक बार फिर कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव होना वाला है और माना जा रहा है कि राहुल गांधी एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष बनेंगे। उससे पहले उन्होंने अपनी करीबी लोगों को राज्यों में कमान देना शुरू किया है। इसकी शुरुआत पंजाब से हुई है, जहां उनके दो सबसे करीबी लोगों को प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता बनाया गया है।
राहुल के करीबी और यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बरार उर्फ राजा वारिंग को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वे नवजोत सिंह सिद्धू की जगह लेंगे। सिद्धू को राहुल और प्रियंका दोनों का समर्थन हासिल था लेकिन उनकी वजह से प्रदेश कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसी तरह एक जमाने में कैप्टेन अमरिंदर सिंह के मुकाबले प्रदेश में राहुल द्वारा आगे किए गए नेता प्रताप सिंह बाजवा को विधायक दल का नेता बनाया गया है। अमरिंदर सिंह की वजह से उनको प्रदेश की राजनीति से बाहर होना पड़ा था। तब राहुल ने उनको राज्यसभा का सदस्य बनवाया था। वारिंग और बाजवा की जोड़ी अब प्रदेश की राजनीति संभालेगी।
राहुल ने केरल से लेकर गुजरात तक पुराने नेताओं को किनारे करके नए नेताओं की टीम बनाई है। अभी इस टीम को सकारात्मक रिजल्ट डिलीवर करना बाकी है। अभी कांग्रेस को कुछ और राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता नियुक्त करना है। उनकी नियुक्ति से पता चलेगा कि आगे कांग्रेस की राजनीति क्या दिशा लेने वाली है। उन नियुक्तियों से राहुल के फिर से कमान संभालने का भी स्पष्ट संकेत मिलेगा।