कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 के नेताओं को राज्यसभा चुनाव का इंतजार है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हारने के बाद एक तरह से सहमति बन गई थी कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक को किसी न किसी राज्य से राज्यसभा में भेजा जाएगा। राजस्थान, हरियाणा और तमिलनाडु से इनको उच्च सदन में भेजने की चर्चा थी। लेकिन कहा जा रहा है कि अब स्थितियां बदल रही हैं। अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं और गुजरात के नरेश पटेल को भी पार्टी में लाते हैं तो कांग्रेस का कांफिडेंस बढ़ेगा और तब नए सिरे से मोलभाव की नौबत आ सकती है। Congress dissatisfied contemplation camp
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तभी असंतुष्ट नेताओं के खेमे ने एक बार फिर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने अलग से बैठक करके कांग्रेस की स्थिति पर चिंतन करने का फैसला किया है। ध्यान रहे कांग्रेस का चिंतन शिविर अगले कुछ दिन में होने वाला है। गुजरात, राजस्थान या छत्तीसगढ़ में से कहीं यह शिविर लगेगा। उससे पहले असंतुष्ट खेमे ने मीडिया के जरिए खबर चललवाई है कि पार्टी के एक सौ नेता एक जगह इकट्ठा होंगे। हालांकि अभी जी-23 समूह में नेताओं की संख्या 20 से भी कम हो गई है। लेकिन उन्होंने प्रचारित कराया है कि वे अलग अलग राज्यों से समान विचार वाले एक सौ नेताओं को इकट्ठा करके चिंतन शिविर लगाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस दबाव पर क्या प्रतिक्रिया देता है। Congress dissatisfied contemplation camp